नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency- NTA) ने मेडिकल के अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम्स में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। एम्स समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए अभ्यर्थियों को केवल नीट (NEET) की परीक्षा पास करनी होगी। इससे अभ्यर्थियों का समय और पैसा दोनों तो बचेंगे ही, साथ ही सबसे बड़ी बात यह कि मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कई टेस्ट देने के तनाव से भी राहत मिलेगी।

एनटीए ने कहा है कि नेशनल मेडिकल एक्ट-2019 का सेक्शन 14 के तहत इस बार सभी मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस सीटों पर दाखिले के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रवेश परीक्षा 03 मई 2020 को आयोजित की जाएगी। एडमिट कार्ड 27 मार्च 2020 से आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उम्मीदवार 31 दिसंबर, 2019 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में सुधार के लिए 15 से 31 जनवरी 2020 तक का समय तया किया गया है। यह परीक्षा हिंदी और इंग्लिश के अलावा अन्य 11 भाषाओं में भी आयोजित की जाएगी।

गौरतलब है कि पहले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च समेत विभिन्न मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए अलग-अलग परीक्षाएं देनी होती थीं जबकि अन्य सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) देना होता था। हालांकि इस बार परीक्षा शुल्क में वृद्धि की गई है लेकिन कई मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं देने पर होने वाले खर्च को देखते हुए यह तुलनात्मक रूप से काफी कम साबित होगा। इस बार सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 1500 रुपये शुल्क देना होगा जबकि आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) अभ्यर्थियों के लिए यह 1400 रुपये होगा। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 800 रुपये परीक्षा शुल्क तय किया गया है। इसके अलावा पिछले साल के सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 1400 जबकि एससी-एसटी अभ्यर्थियों के लिए 750 रुपये शुल्क तय किया गया है।

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