नई दिल्ली। बैंकों से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओँ के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोषणा की है कि वह एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बहुत जल्द नई गाइडलाइन जारी करेगा। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को साल की छठी द्विमासिक समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी
मौद्रिक समीक्षा समिति ने कहा, “कई वाणिज्यिक बैंक, शहरी को-ओपरेटिव बैंक और दूसरे कई निकाय एटीएम स्विच एप्लीकेशंस से जुड़ी सुविधाओं के लिए थर्ड पार्टी एप्लीकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स पर निर्भर होते हैं। इन सर्विस प्रोवाइडर्स के पास पेमेंट सिस्टम परिदृश्य की जानकारी होती है, इससे साइबर हमलों की आशंका बढ़ जाती है। अब यह निर्णय लिया गया है कि कुछ आधारभूत साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल्स विनियमित संस्थाओं द्वारा सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ उनके अनुबंध में अनिवार्य किये जाएं।”
इस गाइडलाइन में कई नए सुधारों की आवश्यकता होगी जिनमें इकोसिस्टम के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में बदलाव सहित डिप्लॉयमेंट की प्रोसेस को मजबूती देने से जुड़े कई बड़े सुधार शामिल हैं। साथ ही लगातार निगरानी की आवश्यकता है। इसके अलावा स्टोरेज, प्रोसेसिंग और संवेदनशील डेटा के ट्रांसमिशन पर नियंत्रण जरूरी है। फोरेंसिक जांच के लिए क्षमताओं को बढ़ाने और घटना प्रतिक्रिया तंत्र को भी अधिक मजबूत बनाया जाएगी।
रिजर्व बैंक ने प्रिपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट को भी पेश किया है जिससे केवल 10,000 रुपये तक की सर्विसेज और सामान खरीदा जा सकता है।