नई दिल्ली। भारत की बिगड़ती आर्थिक सेहत और बढ़ती महंगाई के चलते आलोचकों के निशाने पर आ चुकीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का वैश्विक परिदृश्य में जलवा कायम है। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित आर्थिक पत्रिका फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में 34वें पायदान पर रखा है। ब्रिटेन के महारानी एलिजाबेथ और अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भी इस मामले में उनसे पीछे हैं। सीतारमण फोर्ब्स की सूची में पहली बार शामिल हुई हैं।
दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की 2019 की फोर्ब्स सूची में जर्मन चांस्लर एंजेला मर्केल पहले स्थान पर हैं। दूसरे स्थान पर हैं यूरोपीय सेन्ट्रल बैंक की प्रेसिडेंट क्रिस्टीन लेगार्द और तीसरे स्थान पर अमेरिकी संसद में निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी।
इस सूची में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 29वें स्थान पर हैं। फोर्ब्स का कहना है कि 2019 में दुनिया भर में महिलाओं ने सक्रियता से आगे बढ़कर सरकार, उद्योगों, मीडिया और परमार्थ कार्यों में नेतृत्वकारी भूमिका संभाली।
निर्मला सीतारमण के इस पायदान पर काबिज होने को वैश्विक मामलों में भारत के पक्ष और अंतरराष्ट्रीय ताकत से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि घरेलू मामलों में अभी भी उनको विभिन्न मुद्दों पर किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ महीनों में जीडीपी के गिरने और अर्थव्यवस्था के धीमे चलने की वजह से विपक्षी खेमा उन्हें घेरता रहा है.।
निर्मला सीतारमण के अलावा फोर्ब्स की सूची में अपनी जगह बनाने वाली भारतीयों में रोशनी नाडार मल्होत्रा और किरण मजूमदार शॉ भी हैं। सूची में अंतरराष्ट्रीय पॉप गायिका ब्योन्से और टेलर स्विफ्ट को भी जगह मिली है। जानी-मानी टेनिस खिलाड़ी सेनरेना विलियम्स और पर्यावरण अधिकारों को लेकर हाल ही में चर्चा में आई ग्रेटा थूनबर्ग को भी इस सूची में स्थान मिला है। फोर्ब्स की रैंकिग के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ-2 को 40वां स्थान मिला है जबकि बड़ी कारोबारी इवांका ट्रंप को 42वें स्थान पर रखा गया है। निर्मला सीतारमण की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंड्रा आर्डेन तक की रैंकिंग उनसे नीचे है।