इस्‍लामाबादपाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ (76) को एक विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई है। बीते पांच दिसंबर को सरकारी अभियोग दल की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा था कि वह इस मामले में 17 दिसंबर को अपना फैसला देगी। इससे पहले अदालत ने निर्देश दिया था मुशर्रफ पांच दिसंबर को इस मामले में आकर अपना बयान दर्ज कराएं। हालांकि, मुशर्रफ की ओर से ऐसा नहीं किया गया था। इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत के जज वकार अहमद सेठ की अध्‍यक्षता वाली तीन सदस्‍यीय ट्रिब्‍यूनल ने की है।

इस मामले में सोमवार को तब नया मोड़ आ गया था जब लाहौर हाईकोर्ट ने परवेज मुशर्रफ की याचिका पर पाकिस्तान सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि वह इस्लामाबाद की विशेष अदालत के समक्ष लंबित देशद्रोह मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दे। अपने आवेदन में परवेज मुशर्ऱफ ने हाईकोर्ट से गुजारिश की थी कि वह विशेष अदालत में उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले में लंबित सभी कार्यवाहियों को असंवैधानिक करार दे।  

मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को अतिरिक्‍त संवैधानिक आपातकाल लागू करने का आरोप है। पाकिस्‍तान की पीएमएल-एन सरकार ने उनके खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज किया था। पाकिस्‍तान के इतिहास में परवेज मुशर्रफ ऐसे पहले सेना प्रमुख हैं जिन पर 31 मार्च 2014 को देशद्रोह के मामले में आरोप तय किए गए थे। 

मुशर्रफ ने मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। वह फिलहाल दुबई में रह रहे हैं।

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