नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 को विरोध में देश में कई जगह हुई हिंसा के बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इस मसले पर मंगलवार की रात पहली बार मुंह खोला। कहा, “नागरिकता संशोधन विधेयक का इस देश में रह रहे मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है।” इमाम बुखारी ने इस कानून का विरोध कर रहे लोगों को सलाह दी है कि प्रदर्शन नियंत्रण में होना चाहिए।

सैयद अहमद बुखारी ने मीडिया के जरिए लोगों का आह्वान किया कि “विरोध प्रदर्शन करना भारत के हर नागरिक का अधिकार है, कोई भी हमें यह करने से रोक नहीं सकता है लेकिन यह सबकुछ नियंत्रण में होना चाहिए। किसी प्रदर्शऩ की सबसे अहम बात यह होनी चाहिए कि हमें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। हमें सीमाओं को नहीं लांघना चाहिए।”  

बुखारी ने आगे कहा, ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के बीच अंतर है। CAA एक कानून बन गया है जबकि NRC  को केवल घोषित किया गया है और यह एक कानून नहीं है।
शाही इमाम ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी। इसका भारत में रहने वाले मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है।

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