काठमांडू। भारत को घेरने के लिए जहां चीन उसके सबसे करीबी दोस्त नेपाल को तरह-तरह की सहायता देकर फुसलाने की कोशिश कर रहा है, वहीं मित्रता के नाम पर नेपाल पहुंचने वाले चीनी लोग वहां कुछ और ही गुल खिला रहे हैं। धोखाखड़ी और जालसाझी की बढ़ती घटनाओं से परेशान नेपाल पुलिस ने जाल बिछाया तो चीनी नागरिकों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। पुलिस अब तक 122 चीनी नागरिकों को पकड़ा चुकी है।

नेपाल के पुलिस प्रमुख उत्‍तम सुबेदी ने बताया कि सोमवार को विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर इन चीनी नागरिकों को पकड़ा गया। इन पर साइबर क्राइम और एटीएम को हैक करके बैंक धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देने का संदेह है। फिलहाल, चीनी दूतावास के अधिकारियों का इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है।

गौरतलब है कि भारत में भी साइबर क्राइम के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। अकेले गुजरात में ही पिछले दो साल में साइबर क्राइम की घटनाओं में 90 प्रतिशथ की बढ़ोतरी हुई है। नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक, गुजरात में साल 2015 में साइबर क्राइम के 242 जबकि 2017 में 458 मामले दर्ज हुए। साल 2018 में साइबर क्राइम की जो घटनाएं दर्ज हुई हैं, उनमें सबसे अधिक 42 ऑनलाइन ठगी, 41 एटीएम फ्रॉड, 14 वन टाइम पासवर्ड की शिकायतें हैं। साइबर क्राइम सबसे अधिक शिकायतें अहमदाबाद में दर्ज हुई हैं। 

बरतें सावधानी

जैसे-जैसे स्मार्ट फोन का उपयोग बढ़ रहा है, साइबर क्राइम के मामलों में भी बढ़ोत्‍तरी हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्ट फोन एक कांच की दीवार की तरह है जिसमें बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। साइबर अपराधियों से खुद को बचाने के लिए बेहतर है कि आप अपने कार्ड का पासवर्ड बदलते रहें, साथ ही किसी को अपना पासवर्ड नहीं बताएं। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर गुमराह करने वालों से भी सावधान रहना चाहिए। किसी को फोन पर पासवर्ड या वन टाइम पासवर्ड नहीं बताना चाहिए। कुछ भी संदिग्‍ध दिखने या लगने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें। 

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