नई दिल्ली। सीबीआई ने मारुति के पूर्व सीएमडी जगदीश खट्टर और उनकी कंपनी कार्नेशन ऑटो इंडिया प्रा.लि. के खिलाफ 110 करोड़ रुपये की धोखाधडी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है। यह मुकदमा पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि जगदीश खट्टर ने अपनी कंपनी कार्नेशन ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए 2009 में 170 करोड़ रुपये का लोन लिया था जिसे बैंक ने बाद में सिर्फ 110 करोड़ रुपये कर दिया। ये 110 करोड़ भी खट्टर ने बैंक को वापिस नहीं किए और बाद में 30 सितंबर 2015 को बैंक ने इस लोन को एनपीए घोषित कर दिया जो 30 जून 2012 से लागू माना गया। खट्टर फिलहाल कार्नेशन ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर हैं।
दरअसल, जगदीश खट्टर पर 110 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। पीएनबी की टॉल्सटॉय हाउस शाखा ने इस साल 17 अक्टूबर को एक शिकायत की थी जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।
खट्टर ने मारुति से दिसंबर 2007 में अलग होने के बाद जनवरी 2008 में कार्नेशन ऑटो नाम से अपनी कंपनी शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने पीएनबी से 23 मई 2009 को 170 करोड़ रुपये का लोन लिया था। इस दौरान कार्नेशन ऑटो के अनुरोध पर इसे 10 करोड़ और बढ़ा दिया गया।
इतना ही नहीं, बैंक का आरोप है कि जगदीश खट्टर ने जिस संपति के नाम पर लोन लिया था और जो बैंक के पास गिरवी थी उसे धोखे से और बिना जानकारी लाये बेच दिया और सारे पैसे कहीं और डायवर्ट कर दिया।
बैंक ने जगदीश खट्टर को दिये लोन का फॉरेंसिंक ऑडिट केजी सोमाना एंड कंपनी से करवाया और पता लगा कि जगदीश खट्टर ने बैंक के पास सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर रखी 6692.48 लाख की संपति को 455.89 लाख में बेच दिया और बैंक को कोई जानकारी नहीं दी। ये सारा पैसा कहीं और डायवर्ट कर दिया गया। बैंक ने पाया कि जो लोन जगदीश खट्टर को दिया गया था वह उसने अपनी दूसरी कंपनियों को लोन देने के नाम पर डायवर्ट कर दिया जोकि गैरकानूनी है।
बैंक ने ये भी पाया कि बैंक के अधिकारी जिन पर हर महिने स्टॉक पर नज़र रखने और जांच करने की जिम्मेवारी थी, उन्होंने जांच नहीं की और इसलिए उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है क्योंकि बैंक के अधिकारियों की मिलिभगत के बिना ये सब नहीं हो सकता।
खट्टर और उनकी कंपनी कार्नेशन पर 20 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की गई। उन पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। इस मसले पर एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को खट्टर के ऑफिस की तलाशी ली गई। इस दौरान कई दस्तावेज बरामद हुए।