चंडीगढ़। शीतल पेय के शौकीनों को यह खबर झटका दे सकती है। दरअसल, साफ-सफाई के बारे में स्थापित मानदंडों को पालन न करना बहुराष्ट्रीय शीतल पेय कंपनी पेप्सिको को भारी पड़ा। सीलबंद बोतल में कीडा मिलने पर स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने पेप्सिको इंडिया पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

दरअसल, माउंटेन ड्यू की एक बोतल में ग्राहक को मरा हुआ कीड़ा मिला जिसके बाद उसने कंज्यूमर फोरम में इसकी शिकायत लेकिन कंज्यूमर फोरम ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने फोरम के आर्डर को स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में चुनौती दी। स्टेट कमीशन ने शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए माउंटेन ड्यू बनाने वाली पेप्सिको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

शिकायतकर्ता के वकील फतेह जीत सिंह ने बताया कि कमीशन ने ढाई लाख रुपये पीजीआई पुअर पेशेंट फंड और ढाई लाख रुपये कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में जमा करवाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई परेशानी के लिए कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को 60,000 रुपये मुआवजा राशि और 25,000 रुपये केस खर्च के रूप में भी देने के लिए कहा है। इसके साथ ही जिस दुकान से बोतल खरीदी गई थी उसे आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता को बोतल के 35 रुपये वापस करे।

मोहाली के नयागांव निवासी नवीन सेठी ने अपील में बताया कि 21 जून 2015 को उसने सेक्टर-23 स्थित मुंशी राम देव राज महाजन करियाना एंड जनरल मर्चेंट शॉप से 35 रुपये में माउंटेन ड्यू की बोतल खरीदी थी जिसमें एक मरा हुआ कीड़ा और अन्य चीजें मौजूद थीं। उन्होंने कंज्यूमर फोरम में शिकायत की। फोरम ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था। फोरम ने कहा था कि बोतल को मैन्यूफैक्चरिंग डेट से एक वर्ष बाद टेस्टिंग के लिए  पब्लिक एनालिस्ट गवर्नमेंट लैब, चंडीगढ़ में भेजा गया था। जांच के बाद रिपोर्ट में बोतल में जो तरल पदार्थ था उसे अनसेफ बताया गया था लेकिन फोरम ने फिर भी याचिका को खारिज कर दिया था। अब स्टेट कमीशन ने कहा कि जो चीज साफ रूप से दिखाई दे रही हो उसे कैसे अनदेखा किया जा सकता है।

पेप्सिको ने यह दी दलील


अपने पक्ष में दलील देते हुए पेप्सिको कंपनी ने कहा कि नवीन सेठी ने उनके खिलाफ जो केस किया है वह नहीं बनता है। कंपनी का कहना था कि कुछ फर्जी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी उसके ब्रैंड नाम का प्रयोग कर पेय पदार्थ बेच रही हैं जिसके खिलाफ उसने पुलिस को शिकायत भी दी हुई है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि शिकायतकर्ता ने न तो वह बोतल खरीदी थी और न ही उसमें कोई मृत कीड़ा पाया गया था। इसके अलावा जिस दुकान से बोतल खरीदी गई थी वह कमीशन में पेश ही नहीं हुआ।

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