नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर अक्सर आ बैल मुझे मार कहावत को चरितार्थ करते रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बाऱ फिर मुसीबत में पड़ सकते हैं। उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए गए व्यक्तिगत हमले और उन्हें “आरएसए का प्रधानमंत्री” बताने को लेकर भाजपा आगबबूला है। गौरतलब है कि राफेल को लेकर दिए गए एक बयान पर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से लिखित माफी मांगनी पड़ी थी। इसके अलावा उनके द्वारा दिए गए बयानों को लेकर उनके खिलाफ देश की कई अदालतों में मानहानी के मुकदमे चल रहे हैं। नेशनल हेराल्ड घोटाले में वह इस समय जमानत पर हैं।

राहुल के इस बयान पर भाजपा के प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ऐसा कोई डिटेंशन कैंप नहीं है जिसमें एनआरसी के बाद हिंदुस्तान के मुसलमानों को रखा जाएगा। ये झूठ फैलाया जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री जी ने क्या झूठ बोला है? साथ ही पात्रा ने राहुल गांधी को झूठों का सरदार करार दिया।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संबित पात्रा ने  कहा कि राफेल पर झूठ फैलाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने माफी मांगी थी। अब वह प्रधानमंत्री जी की बात को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।  राहुल गांधी जी ने कुछ ट्वीट किए हैं और जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है वह बहुत आपत्तिजनक है। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है। मुझे लगता है राहुल गांधी से भद्रता और अच्छी भाषा की अपेक्षा करना ही गलत है। भारत की जनता इतनी समझदार है कि वह झूठे और काम करने वाले के बीच में अंतर कर सके। जैसा कि हमारे पास राहुल गांधी के रुप में एक झूठा है वैसे ही पीएम मोदी के रुप में हमारे पास एक काम करने वाला शख्स भी है। 

भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि राहुल गांधी को किसी भी विषय पर कोई ज्ञान नहीं है लेकिन उन्हें सभी विषय पर बोलना है। इनका मकसद ना तो एनपीआर का है और ना ही सीएए का है। इनका मकसद एक है कि ये चाय वाला कैसे प्रधानमंत्री बन गया। 

गौरतलब है कि राहुल गांधी पहले भी कई बार प्रधानमंत्री पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले कर चुके हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ जो टिप्पणी की है, वह पीएम के उस हालिया बयान पर है जिसमें उनहोंने कहा था कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। पीएम मोदी ने यबॉह बात दिल्ली के रामलीला मैदान में 22 दिसंबर को आयोजित एक रैली में कही थी।

माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के इसी बयान को लेकर ये ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने असम के एक डिटेंशन सेंटर की वीडियो भी डाली है। असम का ये डिटेंशन सेंटर वहां एनआरसी लागू होने के बाद अस्थाई तौर पर बनाया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इसकी जानकारी दे चुके हैं। अमित शाह ने कहा कि डिटेंशन सेंटर बनाया जाना एक सतत प्रक्रिया है। अगर कोई विदेशी नागरिक पकड़ा जाता है तो उसे इसमें रखा जाता है। शाह से जब पूछा गया कि देश में फिलहाल कितने डिटेंशन सेंटर है तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में असम में एक है उसके अलावा मेरी जानकारी में कोई नहीं है। मैं कन्फर्म नहीं हूं।  

कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष को मांगनी पड़ी थी माफी

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांद्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा था कि चौकीदार चोर है। उनके इस बयान को लेकर जमकर घमासान हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। राहुल ने अपने इस बयान को लेकर बाद में माफी भी मांगी थी। दरअसल, राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर पीएम मोदी को चौकीदार चोर है कहकर संबोधित किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पीएम मोदी को क्लिन चीट दे दी थी। 

क्या है डिटेंशन सेंटर 

डिटेंशन सेंटर में ऐसे अवैध अप्रवासियों को रखा जाता है जिन्हें अदालतों द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया हो या फिर ऐसे विदेशियों को रखा जाता है जिन्होंने किसी जुर्म में अपनी सजा काट ली हो और अपने देश वापस जाने के इंतजार कर रहे हों। विदेशी कानून 1946 के सेक्शन 3 (2) सी में केंद्र सरकार के पास भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने का अधिकार है। इसके अलावा राज्य भी डिटेंशन सेंटर स्थापित कर सकते हैं। रा

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