नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देशभर में हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश में 18 और 19 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने के सबूत मिलने के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि देश में हिंसा फैलाने की नापाक साजिश में इस्लामिक यूथ फेडरेशन और कश्मीर के पत्थरबाज़ों का भी इस्तेमाल किया गया। सूत्रों के अनुसार साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ है और वह इसके लिए फंडिंग कर रही है।

साजिश के तहत कन्याकुमारी और केरल से पीएफआई  के लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया जबकि महाराष्ट्र से इस्लामिक यूथ फेडरेशन के लोग शामिल थे। इन ग्रुप के लोगों की लोकेशन दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाने वाली जगहों पर मिली है। पश्चिम बंगाल से आए कुछ लोगों को भी हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

उत्तर प्रदेश में हिंसा का पश्चिम बंगाल और कश्मीर कनेक्शन सामने आया है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, इस्लामिक यूथ फेडरेशन, कश्मीर के पत्थरबाजों और पश्चिम बंगाल से आए पत्थरबाजों ने यहां माहौल बिगाड़ा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया, “आज किसी समाचार पत्र के लिंक में आया है कि उत्तर प्रदेश में कश्मीर के एक्सपर्ट पत्थरबाजों को बुलाया गया, क्यों बुलाया गया?, आग लगाई जा रही है कहीं- कहीं। यहां की आवाम इस आंदोलन में नहीं है, यहां के लोग उपद्रव नहीं कर रहे हैं।”

हिंसा का पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है। पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी आएसआई ने हिंसा के लिए उकसाया और मदद मुहैया कराई है। लोगों को उकसाने के लिए फेक वीडियो फैलाए गए। सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो से लोगों को भड़काया गया।

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