नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती पर बड़ी कार्रवाई की। चुनाव प्रचार के दौरान विवादित टिप्पणी के मामले में दोनों के चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए बैन के अनुसार मायावती अब 48 घंटे जबकि योगी आदित्यनाथ 72 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। दोनों पर यह प्रतिबंध मंगलवार (16 अप्रैल) सुबह 6 बजे से प्रभावी होगा। इस प्रतिबंध के मद्देनजर अब ये दोनों नेता 18 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को नगीना और फतेहपुर सीकरी में प्रस्तावित रैली नहीं कर पाएंगे। इसी प्रकार मायावती आगरा में प्रस्तावित अखिलेश यादव की रैली में शामिल नहीं हो पाएंगी।
बीती 7 अप्रैल को सहारनपुर में हुई बसपा-सपा-रालोद गठबंधन की रैली में मायावती ने धर्म के नाम पर वोट मांगे थे। अपने भाषण के दौरान उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से अपील की थी कि वे चुनाव में एकतरफा वोट डालें। इसी रौ में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नहीं बल्कि सिर्फ महागठबंधन ही भाजपा से लड़ सकता है। कांग्रेस ने महागठबंधन को हराने के लिए ही अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें।
बुलंदशहर में 13 अप्रैल को आयोजित रैली में मायावती ने कहा था, “हमें अली और बजरंगबली दोनों चाहिए क्योंकि वह दलित समाज से हैं। हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी हैं।“ उन्होंने यह भी कहा था कि ये जाति की पहचान भी मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है, हमने नहीं।
योगी आदित्यनाथ ने भी अली और बजरंगबली पर टिप्पणी की थी। इसके अलावा गाजियाबाद में भाजपा की एक चुनावी सभा में उन्होंने भारतीय सेना को “मोदी जी की सेना” करार दिया था। योगी आदित्यनाथ की इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। विपक्षी नेताओं ने उन पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी।