लखनऊ। कांग्रेस के प्रति प्रायः बेहद सख्त रवैया रखते रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर उस पर तीखा हमला किया। राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत के बहाने उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ज्यादा सक्रिय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर तंज कसते हुए सलाह दी कि वे कांग्रेस शासित राज्यों की तरफ भी नजर डाल लें। मायावती ने इस मसले पर गुरुवार को सुबह-सुबह ही तीन ट्वीट किए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि अच्छा होता कि कांग्रेस की बड़ी नेता उत्तर प्रदेश की तरह ही राजस्थान की पीडि़त माताओं से भी मिलतीं। मायावती ने कोटा कांड को लेकर कांग्रेस की तीखी आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट में कोटा में करीब सौ बच्चों की मौत का उल्लेख किया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में लगभग खिसक चुके जनाधार से परेशान कांग्रेस अब इस सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य में अस्तित्व की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रही। अपनी प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में उसकी बढ़ती दिख रही सक्रियता अन्य विपक्षी दलों को रास नहीं आ रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) के बाद अब मायावती के इन ट्वीट्स को इसी नजरिये से देखा जा रहा है।
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन के दौरान मृत लोगों के परिवारीजनों से मिलने के साथ ही प्रियंका घायलों और गिरफ्तार लोगों के घरवालों से से लगातार मिल रही
मायावती ने ट्वीट कर कोटा में करीब 100-110 बच्चों की मौत का उल्लेख करते हुए इशारों ही इशारों में प्रियंका पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व खासकर महिला महासचिव की चुप्पी दुखद है। अच्छा होता कि वह उत्तर प्रदेश की तरह उन गरीब पीडि़त माताओं से भी जाकर मिलतीं जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई हैं। मायावती ने लिखा है, “कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माताओं का गोद उजडऩा अति-दुखद और दर्दनाक है। इसके बाद भी श्री (अशोक) गहलोत स्वयं और सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैरजिम्मेदार बने हुए हैं। यह अति निंदनीय है।”
अपनी इस “बमबारी” को आगे बढ़ाते हुए मायावती ने यह भी कहा है, “यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ”मांओं” से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में उत्तर प्रदेश पीडि़तों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है।”
गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम 8 और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। पिछले 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं।