नई दिल्‍ली। चीन के शॉर्ट-वीडियो मेकिंग प्‍लेटफार्म टिक टॉक (TikTok) ने दुनियाभर में जितनी तेजी से लोकप्रियता हासिल की उतनी ही तेजी से इसे शिकायतें भी मिली हैं। भारत, अमेरिका और जापान की ओर से इस वीडियो मेकिंग प्‍लेटफार्म को कुछ अकाउंट्स के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। शिकायत करने वालों में भारत अव्‍वल रहा, दूसरे नंबर पर अमेरिका और फिर जापान।

वर्ष 2019 के शुरुआती 6 माह  में ही भारत की ओर से कुछ अकाउंट्स पर कार्रवाई के लिए कुल 118 रिक्‍वेस्‍ट भेजे गए थे। भारत सरकार ने 11 अकाउंट्स के बारे में जानकारी मांगी और स्‍थानीय कानून का उल्‍लंघन करने वाले कंटेंट को हटाने की मांग की। भारत में करीब 200 मिलियन यूजर्स वाले टिक टॉक ने 47 प्रतिशत मामलों पर कार्रवाई की और भारत सरकार के रिक्वेस्ट पर 8 अकाउंट्स को रद कर दिया।

अचरज की बात यह है कि चीन की ओर से इस तरह का कोई रिक्वेस्ट नहीं था। दरअसल, टिक टॉक को चीन में दूसरे नाम Douyin से जाना जाता है।

भारत के बाद अमेरिका 79 रिक्वेस्ट के साथ दूसरे नंबर पर था। अमेरिका ने 255 अकाउंट्स से संबंधित 79 रिक्वेस्ट किए थे जिसमें से 86 प्रतिशथ पर उसे जानकारी दी गई। तीसरे नंबर पर जापान था जिसने 39 अकाउंट्स से संबंधित 35 रिक्वेस्ट डाले थे।

वैश्विक स्‍तर पर टिक टॉक को करीब 1.5 बिलियन बार डाउनलोड किया गया। टिक टॉक के पब्लिक पॉलिसी चीफ एरिक एबेंसटीन ने कहा, “कानून प्रर्वतन व यूजर्स की प्राइवेसीके प्रति हमारी जिम्‍मेवारियों को संतुलित रखते हुए हमने केवल कानूनी तरीके से उचित रिक्‍वेस्‍ट पर ही अपनी प्रतिक्रिया दी है और केवल आवश्‍यकतानुसार जानकारी ही मुहैया कराई है।”

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