नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के सीमापुरी इलाके में 20 दिसंबर को हुई हिंसा की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच एसआईटी के मुताबिक, इस दंगे में करीब 15 से ज्यादा बांग्लादेशी शामिल थे। ये तमाम वे बांगालदेशी अपराधी हैं जो गैरकानूनी तरीके से सीमापुरी इलाके में रह रहे थे। इन दंगाइयों की पहचान कर ली गई है और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
एसआईटी सोमवार को तिहाड़ जेल में जाकर दिल्ली में दंगों के मामले में गिरफ्तार करीब 55 आरोपितों से पूछताछ करेगी। इस दंगों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के करीब 15 कार्यकर्ताओं के नाम भी सामने आए हैं। इन लोगों की मोबाइल फोन कॉल डीटेल्स खंगाली जा रही है ताकि दंगों के समय इन लोगों की लोकेशन को स्थापित किया जा सके। दिल्ली दंगों के लिए हुई फंडिग और लॉजिस्टिक स्पोर्ट के कुछ सुराग भी एसआईटी के हाथ लगे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लखनऊ सहित कई स्थानों पर भड़की हिंसा में भी पीएफआई का हाथ होने के सबूत मिले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पूरे प्रदेश में ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश तमाम साक्ष्यों के साथ केंद्र सरकार को भेज चुकी है।