लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होमगार्डों की ड्यूटी लगाने के नाम पर हुए बड़े घोटाले की व्यापक जांच होगी। शासन ने सभी जिलों में समान रूप से मस्टर रोल की जांच कराने का निर्णय लिया है। सभी जिलाधिकारियों को अपर जिलाधिकारी (एडीएम) की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर 34 महीनों के अंदर मस्टर रोल की जांच कराने का आदेश दिया गया है।

दरअसल, होमगार्ड स्वयंसेवकों के मस्टररोल में अनियमितता की जांच जिलों में अलग-अलग तरीके से किए जाने की जानकारी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप होमगार्डों को उनके बढ़े वेतन पर छह दिसंबर 2016 से 30 सिंतबर 2019 तक के एरियर का भुगतान किया जाना है। ऐसे में जांच में तेजी लाकर इस जल्द से जल्द पूरी किया जाना जरूरी है।

प्रमुख सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि शासन ने निर्णय लिया है कि हर जिले में एडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी जिसमें एएसपी और जिला कमांडेंट सदस्य होंगे। कमेटी प्रत्येक ड्यूटी स्थल के छह दिसंबर 2016 से 30 सिंतबर 2019 के मध्य 34 माह के मस्टररोल की जांच करेगी।

ये हैं निर्देश

-उपहार पोर्टल पर उपलब्ध मस्टररोल के जरिए ड्यूटी चेक कराई जाएं। -मस्टररोल को ड्यूटी स्थल के प्रभारी से प्रमाणित कराया जाए।

-कहीं कोई गड़बड़ी सामने आने पर समिति संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उसकी आख्या डीजी होमगार्ड को उपलब्ध कराई जाए।

-भविष्य में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए ड्यूटी स्थल पर प्रतिदिन होमगार्डों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराए जाने व रजिस्टर प्रभारी के पास सुरक्षित रखे जाने के निर्देश।

-लाल कलम से अनुपस्थिति दर्ज किए जाने व ड्यूटी स्थल बदलने पर रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज किए जाने समेत अन्य कड़े निर्देश।  

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