इस्लामाबाद। बढ़ती जनसंख्या टाइम बम की तरह खतरनाक है। इस रोकने के लिए सरकार को प्रति परिवार दो बच्चों की नीति बनाकर लागू करना चाहिए। यह बात पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार, धर्म गुरुओं एवं सामाजिक संगठनों से कही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सभी को मिलकर सटीक कदम उठाने चाहिए। चीफ जस्टिस साकिब निसार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को कहा, बढ़ती जनसंख्या आने वाली पीढ़ियों के लिए हानिकारक है।
राष्ट्रव्यापी जागरूकता की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘विस्फोटक रूप से बढ़ती जनसंख्या से देश के प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव है। प्रत्येक परिवार में दो बच्चों की नीति ही भविष्य में जनसंख्या पर नियंत्रण करने में मददगार साबित होगी। हमें एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता आंदोलन चलाने की जरूरत है। अब समय आ गया है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश एकजुट हो।’’
2017 की जनगणना के मुताबिक, पाकिस्तान की आबादी 20 करोड़ 77 लाख से ज्यादा है। चीन, भारत, अमेरिका और इंडोनेशिया के बाद पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है।
स्वास्थ्य सचिव को फटकार
कोर्ट ने सोमवार को देश के स्वास्थ्य सचिव कैप्टन (आरडीटी) जाहिद सईद को कड़ी फटकार लगाई। सईद ने माना था कि स्वास्थ्य विभाग न तो जनसंख्या नियंत्रण के उपाय बना सकता है और न ही इन्हें लागू कर सकता है। कोर्ट ने संबंधित विभाग को हर तीन महीने में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया। सचिव ने कोर्ट को बताया कि जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने के लिए एक योजना तैयार की गई है, जिसके तहत 2025 तक जनसंख्या वृद्धि दर 1.5 फीसदी तक कम किया जाना है।