नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व रामपुर से सांसद आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने अब्दुल्ला आजम का विधायक के तौर पर निर्वाचन रद्द करने संबंधी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला के निर्वाचन को बीते दिसंबर में रद्द कर दिया था।
दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र कम थी और वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे। इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इस मामले में चुनाव आयोग और बसपा नेता नवाज अली खान को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
अब्दुल्ला आजम के स्वार विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचन को नवाब काजिम अली ने चुनौती दी थी। वह अब्दुल्ला के खिलाफ 2017 के चुनाव में स्वार विधानसभा क्षेत्र से बसपा के उम्मीदवार थे। नवाब काजिम का दावा है कि जिस समय अब्दुल्ला आजम खां विधायक बने उस समय उनकी उम्र निर्धारित आयु सीमा से कम थी। इलाबाहाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 के आदेश में अब्दुल्ला आजम खां के चुनाव को अवैध घोषित किया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि स्कूल रिकॉर्ड के अलावा अन्य दस्तावेज पेश किए गए हैं जिनमें दर्शाया गया है कि मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान चुनाव लड़ने के योग्य थे और इन दस्तावेजों की वजह से उत्पन्न शंकाओं के कारण पीठ मामले की सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, “हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को पढ़ा है, वह सबूत पर आधारित है।”