BareillyLive: कटरा चांद खां बरेली स्थित प्राचीन श्री सीताराम मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक आचार्य मुकेश मिश्रा ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं। समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चिंतन मंथन चलता रहता है। उन्होंने कहा कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा। इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नजर रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए।
कथा के बीच बीच में महाराज ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवतमय एवं भक्तिमय बना दिया। इससे पहले व्यास मंच की पूजा अर्चना कथा के मुख्य यजमान तोताराम गुप्ता ने की, पंडित उमा शंकर शास्त्री व प्रदीप दीक्षित ने वेद मंत्रोच्चार के साथ पूजन संपन्न करायाI इस अवसर पर सर्वश्री प्रोफेसर आर.के. वैश्य, रामेंद्र प्रसाद गुप्ता, श्री सीताराम मंदिर के उपाध्यक्ष दिनेश दद्दा एडवोकेट, मीडिया प्रभारी डॉ मुदित प्रताप सिंह, श्याम मनोहर गुप्ता, अनिल सक्सेना, कोषाध्यक्ष उदय प्रकाश गुप्ता, राम अवतार वर्मा, विवेक गुप्ता, अतीत प्रकाश गुप्ता, नरेश गुप्ता, नवीन सिन्हा, लालता प्रसाद, हरीश कुमार, अभिषेक गुप्ता, रवि प्रकाश, सोनू, अर्पित एवं सतीश गुप्ता आदि सहित अनेक लोगों ने भाग लिया I
बरेली से संवाददाता अभिनय रस्तोगी की रिपोर्ट