माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से कठिन समय में भी मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है, माँ की कृपा से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्त होती है।नवरात्रि के दूसरे दिन सुनें देवी ब्रह्मचारिणी स्तोत्र|
देवी ब्रह्मचारिणी।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥