BareillyLive : शहर के तमाम मंदिरों में आज गोवर्धन पूजन का त्योहार पूजन कीर्तन भजन व भंडारे के साथ मनाया गया। जगह-जगह भगवान गिरिराज जी को भोग लगाने के बाद ये कार्यक्रम हुए, सनातन संस्कृति में इस दिन का बड़ा महत्व है जिसके विषय में श्रीं शिरडी साई सर्बदेब मंदिर, श्यामगंज के महंत पंडित सुशील पाठक बताते हैं कि कार्तिक मास में हर साल शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है दीवाली के ठीक एक दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन गिरिराज गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है और गिरिराज जी के साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का भी विधान है भारत के कई राज्यों में गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है इस दिन की गई पूजा भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होती है गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन परिक्रमा करने की मान्यता है और गोवर्धन भगवान को 56 भोग लगाया जाता है इस दिन गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण के अलावा गौ माता की भी पूजा की जाती है ऐसा करने से श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है गोवर्धन पूजा में अन्नकूट की मिठाई का भोग लगाया जाता है और फिर उसे प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है।

गोवर्धन पूजा का महत्व के विषय में बताते हुए कैन्ट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि पंच दिवसीय इस त्योहार के यूँ तो पांचो दिन वंदनीय है, पर गोवर्धन दिवस का विशेष महत्व होता है क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त भगवान गिरिराज की पूजा करता है तो उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और गोवर्धन देवता का आशीर्वाद उस पर व उसके पशुओं पर बना रहता है माना जाता है कि इस दिन गोवर्धन भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रहे दुख- दर्द से निजात मिलती है।

पंडित सुशील कुमार पाठक ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इसी उपलक्ष्य मे आज श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज मे सुबह भगवान गिरिराज गोवर्धन की पूजा की गई पंचामृत मे भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गिरिराज को स्नान कराने के साथ छप्पन भोग लगाया गया आज मंदिर को भव्य रुप से सजाया गया बाबा खाटूश्याम का दिव्य श्रंगार किया गया। इस अवसर पर हुए भंडारे में कैन्ट बिधायक संजीब अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, डॉ बिमल भारद्वाज, बंटी ठाकुर, प्रतेष पाण्डेय, सान्तनु मिश्रा, इन्द्र देब त्रिबेदी, संजय आयलानी, गंगा देबी, रामबहादुर प्रजापति, डा संजय गुप्ता, सोनम शर्मा, अरुण कश्यप, अमरीश कठेरिया, भगवान दास, विशाल अग्रवाल, गौरब अरोरा आदि भक्तों और गणमान्य लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया।

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