Holika Dahan Pujan Samagri (होलिका दहन पूजन सामग्री): फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इसे छोटी होली और होलिका दीपक के नाम से भी जाना जाता है। इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी और इसकी समाप्ति 12 बजकर 23 मिनट पर होगी। जानिए होलिका दहन में क्या-क्या पूजा सामग्री लगेगी।
होलिका दहन पूजन सामग्री (Holika Dahan Pujan Samagri)
होलिका दहन की पूजा में कच्चा सूती धागा, अक्षत, धूप, फूल, बताशे, नारियल, गुलाल पाउडर, रोली, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा, गाय के गोबर से बनी माला और एक कटोरी पानी की जरूरत होती है।
होलिका दहन की पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)
जहां होलिका दहन करता है उस स्थान को साफ करें। फिर वहां पर पेड़ की टहनी को भूमि में गाडड दें और फिर चारों तरफ से उसे लकड़ियों, कंडों व उपलों से ढक दिया जाता है। होलिका दहन के लिए दिन शुभ मुहूर्त में इस संरचना में अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है। इसके बाद इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेहूं की नई बालियां और उबटन अर्पित किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ये अग्नि व्यक्ति को पूरे वर्ष स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर कर देती है।
होलिका दहन पूजा मंत्र (Holika Dahan Puja Mantra)
-असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।
-ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
-ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्