Astha

जानकी मंदिर:इस पावन स्थल पर हुआ था भगवान् श्री राम जानकी विवाह

विवाह पंचमी2022 :हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी हर साल मार्गशीर्ष (माघ) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है|पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ|इस साल 2022 में विवाह पंचमी 28 नवंबर, सोमवार को मनाई जाएगी|

विवाह पंचमी के उपलक्ष्य पर हम आपको माता सीता स्वयंवर से जुड़ी जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच अब हम आपको देवी सीता के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने में जा रहे हैं, जहां त्रेता युग में माता सीता का स्वयंवर हुआ था। जी हां, प्रचलित मान्यताओं के अनुसार नेपाल में स्थित जानकी मंदिर जिसे नौलखा मंदिर वहीं स्थान है जहां देवी सीता का स्वयंयर हुआ था। बहुत कम लोग जानते हैं देवी सीता के पिता राजा जनक की राजधानी का नाम जनकपुर था, जो असल में नेपाल में है। बताया जाता है जनकपर नेपाल का बेहद प्रसद्धि स्थान है। तो वहीं यहां स्थापित जनक मंदिर की कलाकृति बेहद अद्भुत है। यहां के लोक मत के अनुसार इस मंदिर को प्राचीन व ऐतिहासिक स्थल की गिनती में माना जाता है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से संबंधित अन्य खास बातें-
सबसे पहले बात करते हैं इस मंदिर के इतिहास की तो बताया जाता है नेपाल के काठमांडू शहर से लगभग 400 कि.मी दूर ये मंदिर स्थित है। जानकी मंदिर के रूप में देश में विख्यात सीता माता का यह मंदिर करीबन 4860 वर्गमीटर में फैला हुआ है जिसके निर्माण को लेकर किंवदंति ये प्रचलित है इसके निर्माण में लगभग16 साल का समय लगा था। अर्थात इस मंदिर का निर्माण 1895 ई में शुरु होकर 1911 में संपूर्ण हुआ था।
बता दें मंदिर के आसपास 115 सरोवर व कुंड हैं, जिसमें में गंगा सागर, परशुराम सागर तथा धनुष सागर सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यहां के लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजपुताना महारानी वृषभभानू कुमारी के द्वारा करवाया गया था, जिसमें लगभग 09 लाथ रुपए लगाए गए थे। अतः .ये भी एक कारण है जो इस मंदिर को नौलखा नाम से जाना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार 1657 ई में यहां माता सीता की सोने की मूर्ति प्राप्त हुई थीं।
इस मंदिर करी सबसे खास बात जो दूर से दूर से आने वाले लोगों को इससे जोड़ती है वो ये है कि यहां माता सीता का स्वंयवर हुआ था, जिसमें प्रभु श्री राम ने विजय हासिल कर, माता सीता को अपनी पत्नी के रूप देवी सीता को पाया था। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी स्थल पर भगवान श्री राम ने भगवान शिव के पिनाक नामक धनुष को दो टुकड़ों में कर दिया था। बता दें यहां मौजूद पत्थर के टुकड़ों को उस धनुष का अवशेष माना जाता है।

मुख्य रूप से इस मंदिर में सीता नवमी के पर्व भक्तों की अधिक भीड़ देखी जाती है। धार्मिक व प्रचलित कथाओं के अनुसार देवी सीता ने धरती मां के गर्भ से जन्म लिया था और निःसंतान राजा जनक को खेत में हल चलाते समय मिलती थी। ऐसा कहा जाता है जनकपुर धाम में आज भी वह स्थान मौजूद है जहां माता सीता का प्राक्टय हुआ था।

बता दें नेपाल के इस जानकी मंदिर के प्रांगन में एक विशेष विवाह मंडप स्थित है, जिसे लेकर कहा जाता है यह वहीं विवाह मंडप है जहां श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। मान्यता है दूर-दूर से लोग इस विवाह मंडप के दर्शनों के लिए आते हैं। विवाह मंडप को लेकर मान्यता प्रचलित है कि यहां आने से माता सीता के आशीर्वाद से सुहाग की उम्र लंबी होती है। इसके अलावा ये भी मान्य़ता है कि विवाह आदि के अवसर पर लोग यहां मुख्य रूप से सिंदूर लेरक जाते हैं। मंदिर की अन्य सबसे खास बात ये है कि यहां 1967 से आज तक यानि लगभग 55 सालों से माता सीता का जप तथा अखंड कीर्तन चल रहा है।

Vishal Gupta 'Ajmera'

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago