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करवा चौथ 2021 : इस वर्ष महिलाओं का महापर्व करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर रविवार को है। करवा चौथ पर वृषभ राशि एवं रोहिणी नक्षत्र रहेगा ज्योतिषाचार्य शर्मा के अनुसार इस वर्ष वरियान योग 5 वर्ष बाद बन रहा है। इस दिन रविवार का दिन होने से सूर्य देवता की कृपा भी महिलाओं को मिलेगी। चांद निकलने का समय रात्रि 08.11 मिनट रहेगा। यह योग महिलाओं के लिए लाभकारी व मंगलदायक रहेगा। करवा चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। यह व्रत सुख समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए होता है। औरतें रात को चंद्रमा की पूजा दर्शन के बाद तथा पति का चेहरा देखकर अपना व्रत खोलती है। सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग, काला रंग व सफेद रंग के वस्त्रो से परहेज व लाल, गुलाबी, पीला, हरा और महरून रंग के वस्त्र और शादी का जोड़ा धारण करना सबसे शुभ है।

ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के अलावा वो कन्याएं भी रख सकती हैं, जिनका विवाह तय हो चुका है। लेकिन कुंआरी कन्याओं को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए। ज्योतिष में चांद प्रेम और प्रसिद्धि का प्रतीक है। यही वजह है कि सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करती हैं, ताकि उनके आशीर्वाद से सारे गुण उनके पति के अन्दर आ जाए। जो महिलाएं बीमारी या किसी अन्य कारण से करवा चौथ का व्रत न कर पाए, उनके पति को यह व्रत करना चाहिए।


पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के बाद स्त्रियां चांद के दर्शन का इंतजार करती हैं और चांद दिखने पर उसे अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करती हैं। शाम को पूजा करने के बाद महिलाएं साथ बैठकर व्रत कथा का पाठ भी करती हैं। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी और करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक का अर्थ होता है घड़ा। इसी घड़ें से चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त

24 अक्टूबर 2021 को रविवार के दिन सुबह 3 बजकर 1 मिनट से चतुर्थी तिथि शुरू होगी और 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर चुतर्थी तिथि समाप्त होगी। इस दौरान 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 59 मिनट तक करवाचौथ पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद रात 8 बजकर 11 मिनट पर चांद के दर्शन होंगे और सुहागिन स्त्रियां अपने व्रत का पारण कर सकेंगी।

करवा चौथ का महत्व

मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में पुरुष व्यापार या युद्ध के लिए अपने घर से बाहर जाते थे और कई महीनों या सालों बाद लौटते थे। इस दौरान महिलाएं घर पर रहकर अपने पतियों के लिए विशेष पूजा करती थीं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठती हैं और करवा माता, भगवान शिव, गणेश और कार्तिकेय की पूजा करने के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं। इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को कई नियमों का पालन सख्ती से करना होता है। करवा चौथ पर मंगलसूत्र का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है मंगलसूत्र पति की रक्षा करता है और उन पर आने वाले सभी संकटों को दूर करता है।

राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य

By vandna

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