BareillyLive : ब्रह्मपुरी में चल रहीं ऐतिहासिक 163 वीं रामलीला में आज गुरु व्यास मुनेश्वर जी ने लीला के साथ-साथ वर्णन किया कि हनुमानजी जब लंका जला कर लौट आये और प्रभु श्रीराम जी को माता सीता से भेंट की सूचना दी तो सभी ने सर्वसम्मति से लंका पर आक्रमण की योजना बनायी और सभी समुद्र तट पर पहुंचे, वानरसेना के समक्ष विशाल समुद्र लहरें मार रहा था और उसे पार करना एक बहुत बड़ी समस्या थी। राम के क्रोध से भयभीत होकर समुद्र ने स्वयं वहाँ आकर बताया कि सुग्रीव की सेना में नल और नील कुशल शिल्पी हैं। उनके नेतृत्व में समुद्र पर सेतु बाँधना सम्भव हो सकेगा। नल-नील असंख्य वानरों को लेकर सेतु निर्माण के कार्य में जुट गये। उनके आदेश के अनुसार वानर सेना बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ कर समुद्र तट पर एकत्रित करने लगे। इस प्रकार निरन्तर परिश्रम करके उन्होंने चार सौ कोस लम्बा पुल बना डाला। अब नल-नील के प्रयत्नों से चालीस कोस चौड़ा और चार सौ कोस लम्बा मजबूत पुल बन कर तैयार हो गया। उधर रावण के द्वारा अपमानित होकर उनके भाई विभीषण भी राम सेना से आ मिले, श्री राम जी अपनी पूरी सेना के साथ पुल द्वारा लंका के पास आ गए, इस सेना के लंका में पहुँचते ही राक्षसों में भयानक हलचल मच गई। वे लंका दहन की घटना को स्मरण कर भयभीत होने लगे। रामजी के निर्देशानुसार सुग्रीव ने वहीं तट पर तंबुओं का शहर बना लिया, रामजी ने सभी मंत्रियों से चर्चा की तो सबने दूत के रूप में बालि कुमार अंगद को भेजने की बात कही, अंगद रावण के दरबार में पहुंचे और कहा कि आप मेरे पिता के मित्र हैं इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप माता सीता को लौटा दो और श्री राम की शरण में चले जाओ। रावण जब बहुत समझाने पर भी नहीं माना तो अंगद ने श्रीराम का नाम लेकर अपना पांव जमीन में जमा दिया और कहा कि यदि कोई मेरे पांव को हिला भी देगा तो रामजी सेना समेत लौट जाएंगे, कई सूरमाओं ने प्रयास किया पर कोई नहीं हिला सका अंतिम रावण जब स्वयं उठा तो अंगद ने कहा कि श्रीराम के आगे झुकना तो उद्धार हो जायेगा।प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया किकल रामलीला में युद्ध की शुरुआत, लक्ष्मण को शक्ति एवं कुंभकर्ण बध की लीला का मंचन होगा। अध्यक्ष सर्वेश रस्तोगी ने कल हुई लंका दहन में सहयोग के लिए सबका आभार व्यक्त किया। आज रामलीला में मुख्य अतिथि रोटरी क्लब ऑफ बरेली सेंट्रल से किशोर कटरू, अध्यक्ष आलोक प्रकाश, सचिव राजीव खुराना, निखिल अग्रवाल, हेमंत अग्रवाल, राजेश अग्रवाल गटटूमल, रजनीश अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, गुरदीप सिंह, मनोहर अदनानी, अनूप अग्रवाल, अरुण शर्मा, रोली खुराना, मीतू अग्रवाल, रश्मि श्रीवास्तव, सोनिका भारद्वाज तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रस्तोगी सभा प्रबंध समिति के अध्यक्ष विनोद रस्तोगी, राधाकिशन रस्तोगी, सुनील रस्तोगी, संजीव रस्तोगी मुक्की रहे। अन्य गणमान्य अतिथियों में अंशु सक्सेना, महेश पंडित, पंकज मिश्रा, राजू मिश्रा, राजकुमार गुप्ता, लवलीन कपूर, नवीन शर्मा, विवेक शर्मा, गौरव सक्सेना, दिनेश दद्दा, अखिलेश अग्रवाल, पंडित सुरेश कटिहा, सत्येंद्र पांडेय, महिवाल रस्तोगी, नीरज रस्तोगी, पंडित विनोद शर्मा, अनमोल रस्तोगी, अजीत रस्तोगी, शिवम रस्तोगी, बंटी रस्तोगी, अनिल कुमार सैनी, सुरेश रस्तोगी, कौशिक टण्डन आदि मौजूद रहे ।