Bareillylive : ब्रह्मपुरी में चल रहीं ऐतिहासिक 165 वीं रामलीला में कल गुरु व्यास मुनेश्वर जी ने लीला के साथ-साथ वर्णन किया कि श्री हनुमानजी लंका जला कर लौट आये और प्रभु श्रीराम जी को माता सीता से हुई भेंट की सूचना दी तो सभी ने सर्वसम्मति से लंका पर आक्रमण की योजना बनायी और फिर सभी समुद्र तट पर पहुंचे, वानरसेना के समक्ष विशाल समुद्र लहरें मार रहा था और उसे पार करना एक बहुत बड़ी समस्या थी। राम ने पहले तो समुद्र देव से रास्ता देने की याचना की, फिर उनके क्रोध से भयभीत होकर समुद्र ने स्वयं वहाँ आकर बताया कि सुग्रीव की सेना में नल और नील कुशल शिल्पी हैं। उनके नेतृत्व में समुद्र पर सेतु बाँधना सम्भव हो सकेगा। नल-नील असंख्य वानरों को लेकर सेतु निर्माण के कार्य में जुट गये। उनके आदेश के अनुसार वानर सेना बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ कर समुद्र तट पर एकत्रित करने लगे। इस प्रकार निरन्तर परिश्रम करके उन्होंने चार सौ कोस लम्बा पुल बना डाला। अब नल-नील के प्रयत्नों से चालीस कोस चौड़ा और चार सौ कोस लम्बा मजबूत पुल बन कर तैयार हो गया।

उधर रावण के द्वारा अपमानित होकर उनके भाई विभीषण भी राम सेना से आ मिले, श्री राम जी अपनी पूरी सेना के साथ पुल द्वारा लंका के पास आ गए, इस सेना के लंका में पहुँचते ही राक्षसों में भयानक हलचल मच गई। वे लंका दहन की घटना को स्मरण कर भयभीत होने लगे। रामजी के निर्देशानुसार सुग्रीव ने वहीं तट पर तंबुओं का शहर बना लिया, रामजी ने सभी मंत्रियों से चर्चा की तो सबने दूत के रूप में बालि कुमार अंगद को भेजने की बात कही, अंगद रावण के दरबार में पहुंचे और कहा कि आप मेरे पिता के मित्र हैं इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप माता सीता को लौटा दो और श्री राम की शरण में चले जाओ। रावण जब बहुत समझाने पर भी नहीं माना तो अंगद ने उसका घमंड तोड़ने के लिए श्रीराम का नाम लेकर अपना पांव जमीन में जमा दिया और कहा कि यदि कोई मेरे पांव को हिला भी देगा तो रामजी सेना समेत लौट जाएंगे, कई सूरमाओं ने प्रयास किया पर कोई नहीं हिला सका अंत में रावण जब स्वयं उठा तो अंगद ने कहा कि श्रीराम के आगे झुकना तो तुम्हारा उद्धार हो जायेगा।

प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि आज रामलीला में युद्ध की शुरुआत, लक्ष्मण को शक्ति एवं कुंभकर्ण बध की लीला का मंचन होगा। अध्यक्ष राजू मिश्रा ने लंका दहन में सहयोग के लिए सबका आभार व्यक्त किया। आज के अतिथिगणों में डॉ विनोद पागरानी संचालक खुशलोक हॉस्पिटल, शैलेन्द्र विक्रम अध्यक्ष भारत तिब्बत सहयोग मंच, मनीष जादौन जिला संगठन मंत्री विहिप, आरएसएस से आर्यन जी, मनीष पाठक जी एवं बनारस से पधारे सुदेश गुप्ता जी प्रमुख रहे। पदाधिकारियों में संरक्षक सर्वेश रस्तोगी, महामंत्री सुनील रस्तोगी व दिनेश दद्दा, कोषाध्यक्ष राज कुमार गुप्ता, लीला प्रभारी अखिलेश अग्रवाल व विवेक शर्मा, सत्येंद्र पांडेय, नीरज रस्तोगी, बॉबी रस्तोगी, दीपेन्द्र वर्मा, अमित वर्मा, लवलीन कपूर, कमल टण्डन, धीरज दीक्षित, महिवाल रस्तोगी, एडवोकेट पंकज मिश्रा, पंडित सुरेश कटिहा, गौरव सक्सेना, सोनू पाठक, उत्कर्ष रस्तोगी आदि शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!