Bareillylive : वाराणसी धाम से पधारे कथा व्यास पंडित आशीष मिश्र ने श्री हरि मंदिर मॉडल टाउन बरेली मे चल रही श्री राम कथा के नवम विश्राम दिवस अपने प्रवचन और हरी नाम संकीर्तन करते हुए सभी भक्तो को भाव विभोर कर प्रेम रस में डूबो दिया।

इस दौरान उन्होंने शिव चरित का संपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं की मानस की चौपाई में सिर्फ आपकी रुचि हो जाए तो आपको भगवान रामचंद्र का दर्शन होगा ही होगा। अखिल रसामृतमूर्ति भगवान शंकर एकमात्र ऐसे देवता है जिनमें नवरस विद्यमान है। सारे कार्यों के रचयिता भगवान शंकर है। *यस्योरसि व्यालराट्* व्यालराट यानी भयानक रस। मृत्यु भगवान शंकर का श्रृंगार है। काशी में भगवान शंकर शमशान की राख से होली खेलते हैं। शमशान को भी भगवान शंकर ने वश में रखा है स्वयं वहां बैठकर के। भयानक से भयानक चीज़ को हमारे भगवान शंकर धारण करके अपने वश में रखते हैं। ऐसी भयानक रस को धारण करने वाले भगवान शंकर को हम प्रणाम करते हैं। *सोऽयं भूतिविभूषणः* विभस्त रस भगवान शंकर के अलावा कोई देवता धारण नहीं कर सकता। क्योंकि चीता की भस्म को धारण करने वाले एकमात्र देवता महादेव है। मां सती के चीता की भस्म में लौटे हैं और हमें संकेत कर रहे हैं की प्रत्येक व्यक्ति को अपनी अंतिम परिणीति भस्म को याद रखना है। *चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरो जटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः ।**कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवीं भवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ॥*।। सियावर रामचंद्र महाराज की जय।

आज की विश्राम कथा में अध्यक्ष सतीश खट्टर, सचिव रवि छाबड़ा, सुशील अरोड़ा, रंजन कुमार, गोविंद तनेजा, हरीश लुनियाल, रेनू छाबड़ा, कंचन अरोरा, तिलक राज ककड़, विपिन पाहवा, संजीव अरोरा, सचिन सेठी, नीतू खनिजों, कीर्ति कपूर, कोमल कपूर, नीलम लुनियाल, किरन ग्रोवर, तनुजा भसीन आदि उपस्थित थे। कथा की समाप्ति पर रवि छाबड़ा जी द्वारा मंदिर प्रबंध समिति बरेली की और से महाराज जी का और सभी भक्तों का आभार व्यक्त कर सभी को प्रसाद वितरित किया गया।

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