बरेली, 14 अक्टूबर। दवाआें की ऑनलाइन बिक्री व्यवस्था शुरू होने से देशभर के थोक और फुटकर दवाई दुकानदारों में खासा गुस्सा है। इसके विरोध में बुधवार को सांकेतिक हड़ताल कर केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी ताकत दिखाई। शहर की अधिकांश दवाओं की दुकानों पर सुबह से ही ताला लटका रहा। अलबत्ता ग्रामीण क्षेत्रों के स्टोर को बंद कराने के लिए व्यापारियों को दिन भर मेहनत करनी पड़ी। इस बीच फुटकर दवाएं लेने वाले मरीजों को कठिनाई का भी सामना करना पड़ा।
डिस्ट्रिक्ट बरेली केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश रस्तोगी का कहना है कि दवाआें की आनलाइन बिक्री हो रही है। बाकायदा विज्ञापन शुरू हो गए हैं। इससे नुकसान होगा। मार्केट में कई तरह की दवाएं हैंए ग्राहक जो चाहता है वही मिलती है। आनलाइन व्यवस्था से ग्राहक ठगे जाएंगे। महामंत्री नागेंद्र पाल बताते हैं कि यह सही है कि आनलाइन दवाआें का मूल्य फुटकर दवाआें से सस्ता है लेकिन ग्राहकाें को हम गारंटी देेते हैं। फिलहाल बुधवार को कोई मेडिकल स्टोर नहीं खुलें। बरेली के 350 थोक और 450 फुटकर दवा कारोबारी शास्त्री मार्केट पर इकट्ठा हुए। यहां से कलेक्ट्रेट कूच किया। उन्होंने बताया कि डीएम के न होने पर मांग पत्र एडीएम सिटी को सौंपा।
बंदी से पहले हुए कारोबार से ज्यादा नहीं हुआ नुकसान-
बंदी से एक दिन पहले जिन लोगाें को अपनी नियमित दवाएं चाहिए थीं उन्हाेंने खरीद लीं। बुधवार को चिकित्सक के पास मरीज भी कम पहुंचे। जिन्होंने चिकित्सक को दिखाया वे ज्यादा परेशान हुए। अनुमान है कि जिले में 20 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। बंद से एक दिन पहले 20 से 25 फीसदी अधिक कारोबार होने से यह नुकसान पता नहीं चला।