बरेली। तीन दिन से चल रहे आर्ट आॅफ लिविंग के सहज समाधि कोर्स का आज समापन हो गया। यह कोर्स दुनिया के 70 देशों में बनाये गये 365 केन्द्रों पर एक साथ संचालित किया गया। इसका संचालन आॅनलाइन किया गया। इसमें ध्यान आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रवि शंकर की बहन भानु दीदी ने बेवकास्ट के माध्यम से कराया। साथ ही साधकों को बीजमंत्र भी दिया।
बरेली में सहज समाधि कोर्स के लिए क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल को सेण्टर बनाया गया था। यहां पर 70 लोगों ने यह कोर्स किया। यहां कोर्स पिछले 3 दिनों से इंटरनेशनल टीचर प्रदीप पाठक के संरक्षण में हो रहा था।
आयोजक टीचर नीता मूना, अंजुल अग्रवाल और श्वेता कुनार ने बताया कि कोर्स के आखिरी दिन सुबह 8ः30 बजे बेंगलुरु आश्रम से भानु दीदी ने लाइव आकर 70 देशों में कोर्स कर रहे लोगों को एक साथ वेबकास्ट टेक्नोलॉजी के जरिये संबोधित किया। दीदी ने बताया की ध्यान एक प्रकार का आत्मा का भोजन है,सहज समाधि ध्यान में जो बीज मंत्र दिया गया है यह बीज मंत्र व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता लाता है। निरंतर ध्यान के अभ्यास से जीवन में अद्भुत परिवर्तन होता है व्यक्ति केवल वर्तमान में रहना सीख जाता है। भूत और भविष्य की चिंताओं और उदासी से मुक्त होकर आनंद की ओर अग्रसर हो जाता है।
अच्छे और बुरे विचार आपकी एनर्जी को आपसे ले लेते हैं, इसलिए हमेशा साक्षी भाव से जीवन में होने वाली घटनाओं को देखते रहें। जब नकारात्मक विचार जीवन में आएं तो उन्हें ऐसे देखें जैसे बादल गुजर रहा है।
इंटरनेशनल टीचर प्रदीप पाठक ने इस मौके पर कहा 20 मिनट का ध्यान आपको पूरे दिन के 5 से 6 घंटे भीतर से ऊर्जान्वित बनाए रखता है, इसलिए इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाये ।
मीडिया प्रभारी विशेष कुमार के अनुसार बरेली सेण्टर पर साधकों ने कोर्स के अंतिम दिन अपने तीन दिन के ध्यान के अनुभव साझा किये। अंत मे आयोजकों ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य रुप से पार्थो कुनार, सुनीत मूना, सौरभ अग्रवाल, विशेष कुमार, महेश अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।