भमोरा (बरेली)। बारह दिन पूर्व बीमार हुई 3 साल की बच्ची की जान अंधविश्वास ने लेली। बच्ची के घरावालों ने भूत-प्रेत का साया समझकर बच्ची का इलाज किसी योग्य डॉक्टर की जगह किसी भगत से कराया। नतीजतन बच्ची की मौत हो गयी। घरवालों ने पड़ोसी के टोटका करने से बच्ची की मौत का आरोप लगाया है। सीओ आंवला ने मौके पर पहुंचकर किया मुआयना।
थाना क्षेत्र के गांव दलीपुर निवासी रमेश पुत्र रामपाल की 4 संतानों में दूसरे नम्बर की लक्ष्मी (3 वर्ष) की 12 दिन पूर्व तबियत खराब हुई। इस पर गांव के झोलाछाप को दिखाया। उसने दवाई दी। बच्ची के एक ख्ुराक खाने के बाद रमेश ने डाक्टर को बताया की भूत-प्रेत का साया है। इस पर डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। कहा-किसी भगत को दिखाओ।
इस पर रमेश ने हरियाणा में रहने वाले अपने गुरू सियाराम से बात की। सियाराम ने बताया तुम्हारी पुत्री को कील दिया गया है। इस पर रमेश ने बताया 8 दिन पूर्व गली में निकलते समय पड़ोसन लौंगश्री ने माथे व आंखों व गले पर काले निशान लगाये थे। बताते हैं कि सियाराम वहीं से इलाज कर रहे थे। शुक्रवार को 3 बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया। इस पर रमेश ने 100 डायल को सूचना कर पड़ोसन द्वारा पुत्री को मार देने का आरोप लगाया। सूचना पर भमोरा पुलिस के साथ सीओ आंवला रामप्रकाश ने परिवारजनों से पूछताछ कर शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम को भेजा।
बच्ची की मौत से मां शकुन्तला का रो-रोकर बुरा हाल था। उसने विलाप करते हुए बताया कि मेरी बेटी लक्ष्मी को झाड़फूंक से मरवा दिया। अब वह बेटी की दुर्दशा नहीं करवाना चहाती। इतना कहकर वह शव से लिपट गई। बहुत समझाने पर बड़ी मुश्किल शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया।