कानपुर।(Vikas Dubey Encounter) कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित 5 लाख का इनामी विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया है। यूपी एसटीएफ उसको उज्जैन से कानपुर ला रही थी। इसी दौरान एसटीएफ के काफिले का एक वाहन पलट गया। अफरा-तफरी के बीच विकास दुबे ने हथियार छीकर भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई। विकास के सीने और कमर में 4 गोलियां लगी हैं।
विकास को गंभीर हालत में कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया जहां सुबह 7:55 बजे डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। डॉ.आरबी कमल ने बताया कि विकास दुबे को यहां मृत लाया गया था, उसको 4 गोली लगी थीं। 3 गोली सीने में लगी थीं और एक हाथ में। उन्होंने बताया कि यहां 3 पुलिसकर्मी लाए गए हैं- रमाकांत, पंकज और प्रदीप। ये तीनों खतरे से बाहर हैं। 2 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है और दोनों की हालत अभी स्थिर है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. आरबी कमल ने बताया कि घायल तीन पुलिसकर्मियों की हालत स्थिर है। इनमें से दो ने विकास पर फायरिंग की थी। इनके साथ पुलिस की गाड़ी के पलटने के कारण उसका चालक भी घायल है। डॉ. कमल ने बताया कि विकास दुबे को चार गोली लगी हैं। इनमें तीन तीन गोली सीने में और एक गोली हाथ में लगी है।
कानपुर के एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस वाहन पलटने के बाद विकास दुबे पिस्टल छीन कर भागने लगा। एसकार्ट में पीछे लगी गाडिय़ों में तैनात कानपुर एसटीएफ और पुलिस के जवानों ने घेराबंदी कर विकास को सरेंडर करने को कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से घायल विकास की हैलट अस्पताल में मौत हो गई।