बदायूं। उत्तर प्रदेश सरकार जहां टीका महोत्सव मना रही है, वहीं जनपद में टीकाकरण पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, एक ऐसा मामला सामने आया है कि टीकाकरण अभियान पर सवाल उठना लाजिमी है। एक अधिवक्ता को कोरोना का टीका लगा ही नहीं, इसके बाद भी उनके मोबाइल फोन पर टीकाकरण करवाने का संदेश प्राप्त हो गया। यही नहीं, उनको टीकाकरण का प्रमाणपत्र (Certificate) भी प्राप्त हो गया। अब वकील साहब सफाई देते फिर रहे हैं कि उन्हें कोरोना का टीका लगा ही नहीं है। इस सरकारी झाम के चलते वकील साहब को वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं लग पा रही है।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता हरि प्रताप सिंह राठौर का कहना है कि उन्होंने अभी तक कोविड वैक्सीन की कोई डोज नहीं ली है, कोविड वैक्सीन के लिए ऑनलाइन आवेदन जरूर किया था। इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगवाने की तिथि और समय मिल गया था लेकिन आवश्यक कार्य आ जाने की वजह से वह उस दिन कोविड वैक्सीन लगवाने अस्पताल नहीं जा पाए। लेकिन, शाम को उनके मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया जिसमें बताया गया था कि उनको कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। उसमें एक वेबसाइट भी दी हुई थी जिसके द्वारा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकता था। उन्होंने उस वेबसाइट से वह सर्टिफिकेट भी निकाल लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत ट्वीट के माध्यम से तमाम जगह की। इसके बाद प्रशासन जागा और उनके प्रकरण की जांच जगत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक डॉक्टर को दे दी गई।

हरि प्रताप सिंह राठौर के मुताबिक, डॉक्टर साहब का उनके पास फोन आया कि वह इस प्रकरण की जांच करने के लिए सक्षम नहीं हैं। अधिवक्ता का कहना है कि इस सब की वजह से उनको वैक्सीन की प्रथम डोज नहीं लग पा रही है। उन्होंने वैक्सीन की प्रथम डोज लगवाए जाने की भी मांग की है।

सीएमओ बोले- मैसेज टेक्निकल एरर की वजह से पहुंचा

इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ यशपाल सिंह का कहना है कि यह मैसेज टेक्निकल एरर की वजह से अधिवक्ता हरि प्रताप सिंह राठौर तक पहुंच गया है। यह प्रकरण हमारे संज्ञान में आया था जिसके बाद हमने उस तिथि में महिला अस्पताल में वैक्सीन लेने वालों की जांच कराई। इसमें हरि प्रताप सिंह राठौर का नाम नहीं है। मगर, हरि प्रताप सिंह राठौर के मैसेज और ऑनलाइन अपलोड सर्टिफिकेट में पुरुष अस्पताल में वैक्सीन लगना दर्शाया गया है।

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