Bareilly शहर की बिजली गुल
धरने पर अवर अभियंता।

बरेली। सरकारी कर्मचारियों की मनमानी के किस्से जग जाहिर हैं। शुक्रवार को पावर करपोरेशन कर्मियों ने सारी हदें पार करते हुए पहले शहर विधायक से बदसुलूकी की और फिर सारे शहर की बिजली काट दी और धरने पर बैठ गये। विधायक डा. अरुण कुमार बिजली विभाग के अधिकारियों से रिश्वत मांगने के एक मामले की शिकायत लेकर गये थे।

घटनाक्रम के अनुसार मोहल्ला चाहबाई निवासी प्रमोद कुमार ने कुतुबखाना विद्युत उपकेन्द्र पर अपने घर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। वह कनेक्शन लगवाने के लिए बीते दो महीने से चक्कर काट रहे थे। प्रमोद के अनुसार विभाग के क्षेत्रीय अवर अभियंता कनेक्शन लगवाने के बदले 4000 रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। प्रमोद ने इन दो म हीनों में दो बार विधायक डा. अरुण कुमार से कनेक्शन लगवाने की गुहार की। इस पर डा. अरुण कुमार ने दोनों बार उन्हें सिफारिशी पत्र लिखकर दे दिये।

प्रमोद कुमार ने वह दोनों पत्र जेई और एसडीओ को दिये। इन लोगों ने ये पत्र भी फाइल में लगा दिये लेकिन कनेक्शन नहीं किया। इस पर आज प्रमोद फिर विधायक डा. अरुण कुमार के पास गये। इस पर शहर विधायक प्रमोद को साथ लेकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ कुतुबखाना विद्युत उपकेन्द्र पहुंच गये।

विधायक समर्थकों का आरोप है कि वहां बैठे एसडीओ अवनीश कुमार त्रिवेदी ने उनसे बैठने तक को नहीं कहा। विधायक ने जेई जगदीश सिंह की शिकायत की तो एसडीओ ने भाजपाइयों से ही कहा कि जाओ जेई जगदीश को बुलाकर लाओ। इसके बाद किसी तरह जेई वहां पहुंचे तो उनसे प्रमोद की फाइल मंगायी गयी। उसमें विधायक के लिखे दोनों लेटर लगे थे लेकिन एक फटा हुआ था।

Bareilly शहर की बिजली गुल
विधायक का फटा पत्र दिखाते आयुष सक्सेना।

यह देखकर विधायक और भाजपाई भड़क गए और दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गयी। इसी बीच वहां मौजूद विद्युत कर्मियों ने विधायक के साथ धक्कामुक्की कर दी। इस अपमान से तिलमिलाये विधायक डा. अरुण बिजलीघर में ही धरने पर बैठ गए। सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंचे और विधायक को मनाकर धरने से उठाया।

इसके बाद लखनऊ से जेई और एसडीओ के निलंबन का आश्वासन मिला तो विधायक घर चले गए। जब विधायक के साथ बदसुलूकी और रिश्वत खोरी का मामला दिल्ली-लखनऊ पहुंचा और इस पर हल्ला मचा जेई-एसडीओ पर कार्रवाई तय दिखायी देने लगी। कार्रवाई होती देख तो जेई संगठन लामंबद हो गया और उसने सारे शहर की बिजली काट दी।

ठसके बाद जेई ने कोतवाली में तहरीर दी और फिर चीफ इंजीनियर कार्यालय में धरने पर बैठ गए। चार घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल हुई तो बरेली से दिल्ली व लखनऊ तक हल्ला मच गया। मुख्यमंत्री कार्यालय, बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा, केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार और वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल की नाराजगी के बाद प्रशासन और पुलिस के अफसर पहुंचे और बिजली चालू कराई। रात करीब नौ बजे धरना खत्म हुआ।

विधायक डा. अरुण कुमार के अनुसार – कुतुबखाना बिजलीघर के जेई कनेक्शन देने के लिए 4000 रुपये रिश्वत मांग रहे थे। मैं शिकायत लेकर पहुंचा तो जेई और एसडीओ ने मेरे साथ अभद्रता की। मेरा लेटर भी फाड़ दिया। इससे मैं काफी आहत हुआ हूं। मैं इस मामले में मुख्यमंत्री और बिजलीमंत्री से मिलूंगा।

एसडीओ अवनीश कुमार के अनुसार- शहर विधायक के साथ आये भाजपाई जेई का कॉलर पकड़कर मेरे कमरे में लाये। उन्होंने जेई से हाथपाई भी की। विरोध करने पर मुझसे भी धक्का मुक्की करने लगे। विरोध में जेई संगठन शहर की बिजली बंद कर धरने पर बैठ गया। रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो हम फिर धरने पर बैठेंगे।

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