बरेली। गंगाशील अस्पताल के साथ विवादों की लम्बी फेहरिस्त रही है। इस लिस्ट में एक और मामला जुड़ गया है। एक और मरीज के साथ लापरवाही और उसके तीमारदारों के साथ बदसुलूकी का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई और अस्पताल की मान्यता रद्द करने की मांग की है। पीड़ितों के पक्ष में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
गोविन्दा की मांग है कि गंगाशील हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसका लाइसेंस रद्द किया जाये। साथ ही तत्काल ही डॉ विपुल और डॉ छाबड़िया को गिरफ्तार किया जाये। उनका कहना है कि गौरतलब है किए डॉ विपुल और डॉ छाबड़िया ही वह शख्स हैं, जिन्होंने गोविंदा शर्मा और उनके परिजनों के साथ मारपीट की थी।
गौरतलब है कि शहर के इंद्रानगर निवासी गोविन्दा शर्मा ने प्रसव पीड़ा होने पर बीती 8 दिसम्बर को अपनी पत्नी कंचन को डीडीपुरम स्थित गंगाशील अस्पताल में भार्ती कराया था। वहां डॉक्टर शालनी माहेश्वरी ने कंचन का आपरेशन किया। इसके बाद डॉ शालिनी कहीं बाहर चली गई। उन्होंने पीड़िता की देखभाल की जिम्मेदारी हॉस्पिटल स्टॉफ को सौंप दी। परिजन का कहना है कि स्टाफ की लापरवाही की वजह से कंचन के टांके उधड़ गए। डॉ शालिनी के वापस लौटने के बाद पीड़िता को दोबारा टांके लगाए गए। उसके बाद डॉक्टरों के कहने पर परिजन कंचन को घर ले गये। इस बीच तकलीफ बढ़ने पर उसे दोबारा भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने भी इस मामले में गलती मानीं।
मरीज के पति गोविंदा शर्मा के चाचा ने बताया कि इलाज के लिए हॉस्पिटल ने 20 हजार रूपए का पैकेज बताया था। वह उन्हें दे दे दिए गए थे। इसके बावजूद डाॅक्टर सुनने को तैयार नहीं थे। फिर दबाव बढ़ने पर प्लास्टिक सर्जन डॉ विपुल ने पीड़िता को दोबारा टांका लगाया और अगले दिन सुबह ही उसे डिस्चार्ज करने लगे लेकिन परिजनों ने एक-दो दिन और भर्ती रखने का अनुरोध किया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। परिजनों के मुताबिक डॉ विपुल ने गोविंदा शर्मा के साथ हाथापाई की। तुरंत ही वहां बच्चों के डॉक्टर छाबड़िया भी आ गए। उन्होंने तैश में गोविंदा को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद पूरे हॉस्पिटल स्टॉफ ने गोविंदा शर्मा को बुरी तरह से पीटा।
मारपीट के बाद गोविंदा शर्मा ने 100 नंबर पर फोन किया। थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई। पीड़ित परिवार ने केस दर्ज करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी केवल तहरीर लेकर रख ली। पीड़ित परिवार का कहना है किए जब वे लोग बाहर खड़े थे तो डॉक्टर छाबड़िया और अन्य स्टॉफ फिर से आए। इन लोगों ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। पीड़ित के चाचा के मुताबिक हैरान करने वाली बात यह है कि ये सब पुलिस के सामने हुआ लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी रही। हालांकि भारी दबाव के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
गंगाशील अस्पाल प्रबंधन की इस बदसुलूकी और गुण्डागर्दी के खिलाफ गुरुवार को गोविंद शर्मा और उनके परिजनों ने डीएम दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग गोविंदा शर्मा और उनके परिवार के समर्थन में उमड़ पड़े। गोविंदा शर्मा ने मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की।
गोविन्दा की मांग है कि गंगाशील हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसका लाइसेंस रद्द किया जाये। साथ ही तत्काल ही डॉ विपुल और डॉ छाबड़िया को गिरफ्तार किया जाये। उनका कहना है कि गौरतलब है किए डॉ विपुल और डॉ छाबड़िया ही वह शख्स हैं, जिन्होंने गोविंदा शर्मा और उनके परिजनों के साथ मारपीट की थी।