विशाल गुप्ता (BareillyLive). मशहूर टीवी सीरियल चंद्रकांता के क्रूर सिंह यानि अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र रविवार को बरेली में थे। वह पहली बार यूपी के बरेली आये हैं। अखिलेन्द्र मिश्र ने बरेली के आईएमए सभागार में पंडित राधेश्याम कथावाचक द्वारा लिखित ‘वीर अभिमन्यु’ नाटक के मंचन के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने ‘वीर अभिमन्यु’ का मंचन देखा और कलाकारों के परिश्रम की मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की। नाटक का निर्देशन गरिमा सक्सेना ने किया।
नाटक के मंचन को देखने से पूर्व उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। बरेली लाइव (www.BareillyLive.in) से बातचीत में उन्होंने रंगमंच, शिक्षा व्यवस्था, बॉलीवुड में अश्लीलता समेत अनेक विषयों पर खुलकर अपने विचार साझा किये।
रंगमंच की वर्तमान स्थिति पर बोले- भारत में थिएटर लोगों की दया पर जीवित है। रंगमंच दो यथार्थों का मिलन है। प्रत्येक व्यक्ति का एक यथार्थ होता है। साथ ही उससे सरोकार रखने वाले, उसे देखने वाले का भी एक यथार्थ होता है। बस, इन्हीं दो यथार्थों मिलन पर रंगमंच पैदा होता है। एक सवाल के जवाब में बोले- रंगमंच, समाज का आइना होता है। यह साफ रहे, विकसित हो इसके लिए समाज के लोगों को सहयोग करना होगा। जो धनवान हैं, वे ज्यादा सहयोग करें। जो धन खर्च नहीं कर सकते वह समय दें। सम्भव हो मंचन में शामिल हों, वरना मंचन को देखने अवश्य आयें। सम्पन्न लोग मंचन देखने के लिए पास की नहीं टिकट की डिमाण्ड करें।
बॉलीवुड में बढ़ती नग्नता और फूहड़ता पर बेबाकी से बोले- लोगों की चेतना सो गयी है। बहुत निम्न स्तर पर चली गयी है। इसे केवल अध्यात्म से ही जगाया और स्तर को ऊठाया जा सकता है। गिरती चेतना के लिए एजुकेशन सिस्टम जिम्मेदार है। आज की शिक्षा प्रणाली में व्यक्तित्व तैयार नहीं किये जा रहे। विद्वता पर काम नहीं हो रहा। केवल रटाने पर फोकस है। बच्चों को विचार नहीं दिये जा रहे। बस, नम्बरों की दौड़ में और अधिक रटने पर जोर है। इससे नौकर तो पैदा सकते हैं, व्यक्तित्व नहीं।
कैसी शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए? पूछने पर बोले- स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए विचारवान नागरिक चाहिए। लोगों से समाज और समाज से राष्ट्र बनता है। शिक्षा में अध्यात्म को शामिल करने से लोगों की चेतना जागृत होगी। स्वस्थ विचार और उत्कृष्ट व्यक्तित्व का निर्माण होगा। एक सवाल पर के जवाब में बोले- रंगमंच के माध्यम से हमारी संस्कृति, सभ्यता और स्वस्थ परम्पराओं पर आधारित मंचन किये जाने चाहिए।
चरित्रवान व्यक्तित्व के निर्माण में व्यक्ति के रिश्ते बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। अब संयुक्त परिवार बिखर रहे हैं। फैमिली न्यूक्लियर होती जा रही है। छोटे परिवारों में एक या दो बच्चों का चलन है। ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को बुआ, मौसी, चाचा, मामा, चचेरे-तहेरे, मौसेरे-ममेरे भाई-बहन के रिश्ते का पता ही नहीं होगा। एकाकी परिवार बनाने की दौड़ में इस पर चिन्तन जरूरी है।
वीर अभिमन्यु के मंचन के लिए हॉल और संसाधन उपलब्ध कराने पर अखिलेन्द्र मिश्र ने बरेली आइएमए और डॉ.विमल भारद्वाज की सराहना की। इस अवसर पर बिथरी विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आदित्य माहेश्वरी, डॉ. एमडी छाबड़िया आदि मौजूद रहे।
Bareillylive : समाजवादी पार्टी के कैंट विधानसभा अध्यक्ष रोहित राजपूत ने कालीबाड़ी में पूर्व वित्त…
Bareillylive : आज हर क्षेत्र में टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र…
Bareillylive : एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार (24 नवंबर 2024) को भरतनाट्यम के गुरुओं और विद्यार्थियों…
Bareillylive: जात-पात में बंटे हिंदू समाज को जागृत करते हुए एक रहने की इच्छा को…
Bareillylive : एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने कैम्प कार्यालय पर क्रिमिनल ट्रैकिंग सेल का आज…
Bareillylive : मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में राधेश्याम रामायण के रचयिता और महान नाटककार…