Bareillylive : लेखिका संघ के तत्वाधान में शनिवार को राजेंद्र नगर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता राजेश गौड़ ने की तथा मुख्य अतिथि शायरा सिया सचदेव रहीं। काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ संस्था की सचिव किरण कैंथवाल द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। कवयित्री उमा शर्मा ने “लिखते जा रहे हँ” शीर्षक से काव्य पाठ किया। सुशीला धस्माना मुस्कान नें ”याद तुम्हारी आती प्रियतम” गीत सुनाकर मन मोह लिया। सीमा सक्सेना असीम ने कहा “क्या समय बदला है। क्या मौसम बदला है या मैं ही बदल गयी हूँ।” सिया सचदेव ने अपनी ग़ज़ल कुछ ऐसे पढ़ी, “बस जरूरत रही है रिश्तों की पर जुरूरी कभी नहीँ रही मैं।

मोना प्रधान ने कहा कि काले मेघोँ मध्य छुपी एक बूँद अनोखी”। अविनाश अग्रवाल ने अपनी ग़ज़ल के शेर सुनाकर वाहवाही लूटी। मीना अग्रवाल ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा, “पहली बार जब तुमसे हुआ था सामना। मुश्किल हुआ था दिल को संभालना।” निर्मला सिंह ने कहा कि बीत गयी सो बीत गयी मत उसकी कुछ बात करो अपनेपन की गंध देते कुछ ऐसी मुलाक़ात करो। उपाध्यक्ष अल्पना नारायण ने सम्मान शीर्षक पर कविता सुनाई। वरिष्ठ कवि कमल सक्सेना ने अपनी ग़ज़ल कुछ इस तरह से सुनाकर तालियां बटोरी। “जाने क्यों पाँव लड़खड़ाये हैँ। बाद ए मुद्द्त वो याद आये हैँ। आज फिर सुनके दोस्तों की ग़ज़ल, अपने भी ज़ख्म उभर आये हैँ। “किरण कैंथवाल नें “मोहब्बतों के शहर में बदनाम फिरती हूँ। लेकर तेरा नाम सरे आम फिरती हूँ ” ग़ज़ल सुनाकर सबका मन मोह लिया।

राजेश गौड़ ने राम पर अपना गीत ‘वर्षों पहले देखा सपना सच हो गया, सरयू के किनारे राम पैदा हो गया’ सुनाकर तालियाँ बजवाई। दीप्ती पांडे नूतन ने अपनी कविता सुनाई “मसले नर्म धागे सा जो मोहब्बत तेरी जुरूरी क्या है उसी की इबादत की जाये।” काव्य गोष्ठी का मोहक संचालन अध्यक्ष दीप्ती पांडे ने किया। सचिव किरण कैंथवाल ने सभी का आभार प्रकट किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!