Bareillylive : एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में शनिवार (25 जनवरी 2024) की शाम गजल और सूफी संगीत के नाम रही। इसमे रूहानी राग पर नामचीन शायरों के कलाम को रिद्धिमा में गायन के विद्यार्थी, उनके गुरु और अतिथि गायकों ने अपनी आवाज दी। कार्यक्रम का आरंभ अतिथि गायक डा.रीटा शर्मा ने किया और गजल ‘सादगी तो हमारी ज़रा देखिये ऐतबार आपके वादे पर कर लिया’ को अपनी आवाज दी। फिर गायन की विद्यार्थी अंशुमा अग्रवाल मंच पर आईं और उन्होंने ‘सबने मिलाये हाथ यहां तीरगी के साथ’ को अपनी आवाज दी। गुरु स्नेह आशीष दुबे के साथ भरतनाट्यम गुरु तनय भट्टाचार्य ने गजल ‘होश वालों को ख़बर क्या बेखुदी क्या चीज़ है’ को अपने स्वर दिए। गायन की विद्यार्थी शालिनी पांडेय ने ‘मुझे तो कतरा ही होना बहुत सताता है’, स्वरित तिवारी ने ‘लहू न हो तो कलम तर्जुमां नहीं होता’, गौरी गोयल ने ‘मोहब्बत न समझ होती है समझाना जरुरी है’ को अपने स्वर दिए।

इंस्ट्रूमेंट गुरु हिमांश चंद्रा और इंस्ट्रूमेंट की विद्यार्थी श्रेया प्रभज्योत ने गजल ‘सिर्फ तेरा नाम लेता रह गया’ को अपने स्वर में प्रस्तुत किया। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने ‘सांसों की माला पे सुमिरू मैं पी का नाम’ को प्रस्तुत किया साथ ही उन्होंने गायन के विद्यार्थी डा.अनुज कुमार के साथ ‘खामोश लब हैं झुकी हैं पलकों’ को भी अपनी आवाज दी। गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे ने ‘मौला मौला मौला मेरे मौला’ को अपने स्वर दिए तो अतिथि गायक इंदू परडल ने ‘वो तेरे मेरे इश्क का एक शायराना दौर भी था’ को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में गायन गुरु प्रियंका ग्वाल और गायन की विद्यार्थी अंशुमा अग्रवाल ने ‘तू झूम झूम ले’ को अपने स्वर देकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। गजल और सूफी संगीत की शाम रूहानी राग में अपने अपने वाद्ययंत्रों के साथ गुरु सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), अमरनाथ और सुमन बिस्वास (तबला), टुकमनी सेन (हारमोनियम), हिमांश चंद्रा (गिटार), सूरज पांडेय (बांसुरी), अनुग्रह सिंह (की-बोर्ड) ने बेहतरीन जुगलबंदी की। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार और शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!