शरद सक्सेना, आंवला (बरेली)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना तीसरा बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश कर दिया। “सबका ख्याल-सबका विकास” की तर्ज पर बताए जा रहे इस बजट की सब अपनी-अपनी तरह से व्याख्या कर रहे हैं। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों, कारोबारियों से लेकर नौकरीपेशा तक सभी इसकी अपने हिसाब से समीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में इसे इस तरह से भी देखा जा सकता है कि किसी खास नगर, क्षेत्र या जिले ने इस बजट से क्या पाया। यहां सवाल आंवला का है जहां का सांसद केंद्र और प्रदेश में सत्तरूढ़ भाजपा का है तो विधायक योगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री है। जाहिर है कि आंवला के लोगों ने इस बजट से खासी उम्मीदें लगा रखी थीं। ऐसे में हमने यह जानना चाहा कि स्थानीय लोग इस बजट के बारे में आंवला के परिप्रेक्ष्य में क्या सोचते हैं। लब्बेलुआब यह कि इस बजट से आंवला को सीधे तौर पर कुछ नहीं मिला।
समाजशास्त्र की प्रवक्ता दीपा शर्मा का कहना है कि योगी सरकार का बजट सराहना करने लायक है, खासतौर पर सुमंगला योजना। इससे भ्रूण हत्य पर काफी हद तक रोक लगेगी, बेटियां शिक्षित होंगी और माता-पिता पर कन्याओं की शिक्षा का भार काफी हद तक कम होगा। कन्या के 21 साल की होने पर सरकार द्वारा दो लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। इससे बेटिया अब मां-बाप पर बोझ नहीं बनेंगी।
भाजपा नेत्री उषा सतीजा के अनुसार मोदी के बाद अब योगी सरकार द्वारा भी बजट में प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गया है। किसानों, नौजवानों, विद्यार्थियों के साथ-साथ बेटियों पर भी ध्यान दिया गया है। सुमंगला योजना से बेटियों को काफी लाभ मिलेगा। यह सर्वहितकारी बजट है।
युवा उप्र उघोग व्यापार मंडल के मंडल प्रभारी विजय गुप्ता का मानना है कि आंवला को उम्मीद के अमुरूप कुछ नहीं मिला। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आंवला से ही हैं। इस कारण जनता को काफी उम्मीदें थीं। पास के ही बदायूं लोकसभा क्षेत्र का वहां के सांसद द्वारा जैसा विकास कराया गया है, वैसा ही आंवला का भी कराया जाना चाहिए। इस बजट से व्यापारियों को भी कोई खास लाभ नहीं मिलता दिख रहा है। हम लोगों को अब भी विभिन्न कर देने पड़ रहे हैं। एक देश-एक कर का फार्मूला अब भी लागू नहीं हो सका है। उम्मीद है आगे इस पर सरकार विचार करेगी।
सपा को निर्वतमान जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव योगी सरकार के बजट से निराश नजर आए। कहते हैं इस बजट से आंवला को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला। प्रदेश की वित्त मंत्री बरेली के हैं जबकि सिंचाई मंत्री आंवला से विधायक हैं। ऐसे में सभी को काफी उम्मीदें थीं। आंवला में चीनी मिल, रोडवेज बस स्टैंड और लीलौर झील के सुंदरीकरण की बात ये लोग (भाजपा नेता) भूल गए हैं। सपा सरकार ने लीलौर के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए थे पर सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
वरिष पत्रकार राकेश मथुरिया बजट को आंवला के लिहाज बहुत ही निराशाजनक मानते हैं। कहते हैं योगी सरकार के बजट में पूरी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश पर फोकस किया गया है। भाजपा जब विपक्ष में होती है तो आंवला के विकास मसलन विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थक्षेत्र अहिछत्र और लीलौर झील के विकास, आंवला में रोडवेज बस स्टैंड के निर्माण की बात करती है पर आज जब यहां से केंद्र में उसका सांसद और प्रदेश में उसका विधायक (सिंचाई मंत्री ) है तो इस दिशा में कुछ नहीं हो रहा। आंवला की झोली अब तक खाली है, बजट ने भी उसे निराश किया है।