आंवला (बरेली)। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक पर रोक के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाल कानून बनाए जाने के बावजूद इस कुप्रथा पर रोक नहीं लग पा रही है। ऐसा ही एक मामला आंवला थाना क्षेत्र की यासमीन का है। तीन तलाक से पीड़ित यासमीन ने इसकी शिकायत आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक हर जगह की पर अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाया है।
मोहल्ला बजरिया की रहने वाली यासमीन ने बताया कि उसकी शादी करीब 11 साले पहले नगर के ही याकूब के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही कम दहेज को लेकर ससुराली उसको परेशान करते थे। आए दिन उसका उत्पीड़न किया जाता था। इस दौरान उसके दो बेटे हुए पर उत्पीड़न कम नहीं हुआ। यासमीन ने बताया कि गरीबी के कारण उसके मायके वाले ससुरालियों के कहे अनुसार 50 हजार रुपये नगद और मोटरसाइकिल की मांग को पूरा नहीं कर सके। इधर वह इस उम्मीद में सबकुछ सहती रही कि समय के साथ पति का व्यवहार ठीक हो जाएगा। आखिरकार उसकी यह उम्मीद भी टूट गयी जब याकूब ने अपने घर वालों के सामने तीन बार तलाक कहकर उसे दोनों बेटों के साथ घर से निकाल दिया
यासमीन का कहना है कि उसने तीन तलाक दिए जाने की शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों से की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उसने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की पर वहां से भी अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। यासनीन ने बताया कि वह मजदूरी और बीड़ी बनाकर किसी तरह अपना और बच्चों का पेट भर रही है। उसको जान-माल का खतरा भी बना हुआ है।
इस बारे में जानकारी लेने पर सीओ आंवला रामप्रकाश ने कहा कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है।