आंवला (बरेली)। कांग्रेस आहूत ‘भारत बंद’ के दौरान आंवला में जुटे समाजवादी पार्टी के नेता इकट्ठे हुए थे विपक्षी एकता दिखाने को लेकिन अपनी पार्टी को ही एकजुट नहीं रख सके। सपा खुद दो धड़ों में बंटी दिखायी दी। अगले लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा और मोदी का रास्ता रोकने को जुटने वाले सपाईयों के एक धड़े ने दूसरे के खुले विरोध की चुनौती दे डाली।
हुआ यूं कि भारत बंद को सफल बनाने को आंवला में जुटे सपाई मंच से मोदी सरकार की नामकामियों को गिना रहे थे। इसी बीच वहां पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कुंवर सिद्धराज सिंह पिछले चुनाव में नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे पप्पू कुरैशी को लेकर मंच पर पहुंच गये।
प्रदर्शन का बहिष्कार कर लौटे आबिद अली
यह बात निर्वतमान पालिकाध्यक्ष तथा सपा प्रत्याशी सैयद आबिद अली को इस कदर नागवार गुजरी कि वह प्रदर्शन के बीच से ही तत्काल उठककर वहां से चले गये। इसके फौरन बाद ही उन्होंने पत्रकार वार्ता बुलाकर कहा कि आंवला नगर में 2017 में हुए पालिका के चुनावों में वह सपा के प्रत्याशी थे। परन्तु सामान्य सीट होने के बाद अचानक यकायक पप्पू कुरैशी भी मैदान में आ गये। उनके साथ पार्टी से भितरघात करते हुए कुछ नेताओं ने उन्हें चुनाव हरवा दिया। उसी पप्पू कुरैशी को आज के प्रर्दशन में कुंवर सिद्धराज द्वारा मंच प्रदान करना उन्हें अच्छा नहीं लगा। इसलिए वह कार्यक्रम के बीच से ही अपने समर्थकों के साथ वहिष्कार करते हुए चले आये।
आबिद अली ने सीधा आरोप लगाया कि सिद्धराज सिंह ने ही पप्पू कुरैशी को उनके विरूद्ध चुनाव में उतार कर उन्हें हरवाने का काम किया। ऐलान किया कि हम सिद्धराज सिंह का वहिष्कार करेंगे तथा यदि आगे सिद्धराज सिंह चुनाव लडें़गे तो आबिद अली और उनके समर्थक उनके चुनाव का वहिष्कार करेंगे।
सिद्धराज बोले – मुहब्बत की राजनीति करें आबिद अली
वहीं इस मामले में कुंवर सिद्धराज सिंह ने इसका बड़ी ही सादगी से जबाब देते हुए कहा कि पूर्व चेयरमैन नफरत की राजनीति छोड़कर मुहब्बत की राजनीति करें।