agitataion of members at nagar palika aonla आँवला (बरेली)। नगर पालिका में विद्रोह की स्थिति है। सभासद और पालिकाध्यक्ष के मध्य सम्बन्धों की तल्खी आज बुधवार को खुलेआम देखने को मिली। जब सभासदों ने पालिकाध्यक्ष के एक ‘खास’ व्यक्ति के विरोध में अधिशासी अधिकारी को घेरा। सभासदों का आरोप है कि नगर में तमाम जनससमयाएं हैं। उन्हें इन्हीं के बीच जनता की खरी-खोटी सुननी पड़ती है लेकिन पालिका में कोई सुनने वाला ही नहीं है। पालिका का काम गैरजिम्मेदारों के हाथों में होने से नगर की दुर्गति हो रही है।

सभासदों ने अधिशासी अधिकारी का घेराव करते हुए कहा कि नगर में जल संकट की स्थिति बनी हुई है। प्रकाश व्यवस्था को लेकर वार्डों में दिक्कतें हैं। पिछले दिनों पालिका के एक कर्मचारी को फॉगिंग मशीन ठीक कराने नोयडा भेजा गया था, ठीक होने के बाद मशीन 15 दिनो के अंदर खराब हो गई। इस कर्मचारी पर गुस्सा उतारा गया जो कि सरासर गलत है।

सभासद अमर मौर्य ने वार्ड में पुरानी, कटी-फटी केबिल डाले जाने पर आपत्ति दर्ज करायी। कहा कि यदि कोई घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदार पालिका होगी। पालिका में पर्याप्त मात्रा में केबिल मौजूद है, इसके बावजूद ऐसी लापरवाही निन्दनीय है। सभासदों से ईओ से कहा कि पालिका में चेयरमैन की मनमानी के चलते उनको तवज्जो नहीं दी जा रही है। इस पर ईओ द्वारा सभासदों से चेयरमैन की उपस्थिति में अपनी बात रखने को कहा। साथ ही सभासदों की एक कमेटी बनाकर विभिन्न व्यवस्थाओं के संचालन की बात कही।

अधिशासी अधिकारी का घेराव करने वालों में सभासद रामवीर प्रजापति, संजय अग्रवाल, रजत राज प्रेमी, इरफान सिद्दीकी, हरिओम यादव, अमर प्रकाश मौर्य, जाहिद समर, वीरेन्द्र सिंह वीरू सहित कई सभासद पति भी शामिल रहे।

नेताओं के मुंहलगे चला रहे हैं पालिका

सभासदों का आरोप है कि पालिका में भाजपा नेताओं और चेयरमैन के मुंह लगे संजय सक्सेना पालिका के सरकारी कार्यो को देख रहे हैं। वह न तो पालिका में किसी भी प्रकार के कोई कर्मचारी हैं और न ही सभासद अथवा जनप्रतिनिधि। वह स्वयं को समाजसेवी कहते हैं। ऐसे में उनके हाथों में पालिका की विभिन्न व्यवस्थाएं क्यों दी गई हैं?

सभासदों में ईओ से पूछा कि संजय सक्सेना पालिका के किस पद पर अथवा किस व्यवस्था के अन्तर्गत पालिका में विभिन्न कार्यों को देखते हैं? इस पर ईओ ने बताया कि वह पालिका में किसी भी प्रकार के कोई कर्मचारी नहीं है। उनको निजी तौर पर चेयरमैन ने अपने प्रतिनिधि के रूप में यहां बैठा रखा है।

पूर्व चेयरमैन सैयद आबिद अली ने कहा कि जब पालिका में चेयरमैन पति, सभासद पति को बोर्ड की बैठक में बैठने व पालिका के कार्यो में दखल देने का अधिकार नहीं है तो एक बाहरी व्यक्ति पालिका में बैठकर सरकारी कार्यां व पालिका की व्यवस्थाओं को क्यों देख रहा है? सभासदों ने जो मुद्दा उठाया है हम उसका समर्थन करते हैं। इसका मतलब है कि कहीं न कहीं कुछ धांधलेबाजी पालिका में हो रही है।

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