आँवला/बरेली। एक मामले में आंवला नगर पालिका परिषद के चेयरमैन संजीव सक्सेना को मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने चार धंटे की अंडर कस्टडी रखा। बाद में उनके वकील द्वारा वांरट वापिस कराने जाने को पैरवी की गई तब उन्हें सायं 4 बजे के करीब कस्टडी से छोड़ा गया।
याद दिला दें कि वर्ष 2008 में तत्कालीन मायावती सरकार की नीतियों के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते हुए तत्कालीन जिला उपाध्यक्ष संजीव सक्सेना ने नगर के घंटाघंर चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया था। साथ ही रोडजाम कर नारेबाजी की थी, जिसमें संजीव सक्सेना सहित 8 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उस समय आंवला में बसपा विधायक पं0 आरके शर्मा थे जो अब भगवा रंग में रंगकर बिल्सी विधानसभा का नेतृत्व कर रहे हैं।
मुख्य अभियुक्त थे संजीव सक्सेना
इस मामले में संजीव सक्सेना मुख्य अभियुक्त थे। इन आठ में से एक अभियुक्त राजाराम बादशाह की मृत्यु हो चुकी है। बीती 6 जून को संजीव सक्सेना, केपी सिंह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके इनके खिलाफ कोर्ट ने वांरट जारी कर दिए। जिनकी निगत आगामी 22 अगस्त को होनी थी। जैसे ही संजीव सक्सेना को इस बारे में जानकारी प्राप्त हुई उन्होंने मुंसिफ कोर्ट में पेश होकर अपने वकील इंन्द्रभान सिहं एडवोकेट द्वारा वारंट वापसी कराए। मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने पीवी वचन-पत्र लिया तथा प्रत्येक तारीख पर स्वयं उपस्थित होने रहने के निर्देश देकर 4 घंटे के बाद चेयरमैन संजीव सक्सेना को कस्टडी से रिहा किया। न्यायालय के बाहर उनके समर्थक पूरे समय मौजूद रहे।