आंवला (बरेली)। आंवला स्टेट बैंक के मैनेजर से लेकर कर्मचारी तक निरंकुश हो गये हैं। आलम ये कि सरकारी संस्थाओं के खाते तक खोलने में ढुलमुल रवैया रहता है। समय से वेतन न मिलने पर शुक्रवार को पालिका कर्मियों ने बैंक शाखा के सामने कूड़े के ढेर लगाकर जाम लगाया और प्रदर्शन किया।
बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मई माह का वेतन न मिल पाने के चलते नगर पालिका कर्मचारियों में आक्रोश है। सफाई कर्मचारी दिनेश सतूले, बंटी, विमला कमलेश, मीरा, शीला, संजीव, राजेश आदि ने बताया कि ईद के त्यौहार से पहले विभाग द्वारा उनका वेतन बैंक में भेज दिया गया था। त्यौहार बीत जाने के बाद भी जब वेतन नहीं मिला तो कर्मचारियों ने बैंक कर्मचारियों से बात की। मगर हमेशा की तरह कोई ध्यान नहीं दिया गया। मामले की शिकायत जब शाखा प्रबन्धक से की तो उन्होनें भी शिकायत को गंभीरता से न लेकर टालमटोल रवैया आपनाया।
पालिका कर्मियों का कहना है कि मैनेजर सहित बैंक के स्टाफ का व्यवहार खातादारों के प्रति अच्छा नहीं रहता है। बैंक में ग्राहकों की कोई सुनने वाला नहीं है। पहले भी होली के त्यौहार के दौरान वेतन को लेकर इसी प्रकार परेशान किया था। कर्मचारी उवैस ने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब है। उसे पैसों की सख्त आवश्यकता है। उसने उधार लेकर अपनी पत्नी का इलाज कराया है।
वहीं मौके पर पहुंचे पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना ने ब्रांच मैनेजर से बात करके कर्मचारियों का वेतन शीघ्र ही वेतन उनके खातों मे डालने की बात कही। इस पर मैनेजर ने आश्वासन के बाद पालिका कर्मचारियों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
बोले मैनेजर – सॉफ्टवेयर की समस्या से हो रही देरी
इस सम्बंध में जब शाखा प्रबन्धक से बात की तो पहले तो मीडिया को कुछ बताने पर तैयार नहीं हुए। बाद में कहा कि सॉफ्टवेयर की दिक्कत होने के कारण कर्मचारियों के खातों में वेतन की राशि नहीं पहुंच सकी है। शीघ्र ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
बैंकिंग लोकपाल से करेंगे शिकायत : संजीव सक्सेना
पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना ने कहा कि स्टेट बैंक के स्टाफ व शाखा प्रबन्धक का व्यवहार ग्राहकों के प्रति खराब होने की अक्सर शिकायत मिलती रहती है। होली, उसके बाद ईद पर पालिका द्वारा बैंक में ग्रांट भेजे जाने के बाद भी बैंक स्टाफ की लापरवाही के चलते कर्मचारियें को वेतन नहीं मिला।
बैंक स्टाफ द्वारा सफाई कर्मचारियों को परेशान करना निंदनीय है। हम इसकी शिकायत बैंकिग लोकपाल व बैंक के उच्चाधिकारियों को लिखित रूप में कर रहे है। फिलहाल मामला निपटा लिया गया है।
‘कान्हा योजना’ का खाता तक नहीं खोला स्टेट बैंक ने
चेयरमैन संजीव सक्सेना ने बताया कि सरकार द्वारा नगरपालिका को कान्हा योजना के तहत गौशाला बनाने हेतु एक करोड 60 लाख रूपये की धनराशि भेजी गई। इसके लिए पालिका द्वारा बैंक में खाता खोला जाना था, परन्तु भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर द्वारा पालिका का खाता नहीं खोला गया। परेशान होकर बाद में दूसरे बैंक में खाता खोला गया।