Bareillylive : संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान की शक्ति को स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है। ध्यान का अभ्यास मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, एकाग्रता बढ़ाता है और सकारात्मकता फैलाता है। जहां एक ओर विश्व में अशांति हिंसा क्रोध के बादल मंडरा रहे हैं तनाव युक्त वातावरण हर जगह व्याप्त है लेकिन अगर बात करें मानसिक तनाव की जिससे समाज का हर वर्ग आज जूझ रहा है यही तनाव जब नियंत्रित नहीं किया जाता है तो यही तनाव फिर चिंता डिप्रेशन और न जाने कितनी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के रूप में व्यक्ति को घेरता है इन सबको साधने का काम करता है ध्यान।ध्यान वास्तव में एक सतत प्रक्रिया है आपकी चेतना के तार को उस परम चेतना से जोड़ता है असल में ध्यान आपकी आत्मा का भोजन है और हर व्यक्ति को चाहिए आज के इस माहौल में प्रतिदिन 20 मिनट ध्यान के लिए अवश्य निकाले।

इस अवसर पर इनर स्माइल केयर ग्रुप के निदेशक व लाइफ आर्ट एक्सपर्ट विशेष कुमार ने बताया कि ध्यान करने से आपके शरीर में मौजूद सातों चक्रों में एक संतुलन आता है आप वर्तमान में रहते हैं आपकी मानसिक क्षमताओं में वृद्धि होती है आप भूत और भविष्य की कल्पनाओं से बाहर रह कार वर्तमान को ध्यान में रख कर कोई भी कार्य करते हैं। शरीर में मौजूद पांच प्राणों को ध्यान के माध्यम से सुरक्षित व व्यवस्थित किया जा सकता है यहां तक की पांच तत्वों को भी बैलेंस किया जा सकता है साथ-साथ ध्यान के माध्यम से आप अपने आभामंडल को भी स्वच्छ और सकारात्मक ऊर्जावान बना सकते हैं लेकिन ध्यान का वास्तविक फल आपको तभी मिल पाता है जब आप इसमें निरंतरता बनाए रखते हैं यही निरंतरता आपको सकारात्मक ऊर्जाओं से लबरेज करती है आप जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे होते हैं अपना सत प्रतिशत दे पाते हैं। जो भी व्यक्ति अत्यधिक नकारात्मक सोचते हैं बोलते हैं या ओवरथिंकिंग करते हैं उनको तुरंत समझ जाना चाहिए उनका कहीं ना कहीं आकाश तत्व बिगड़ा हुआ है साथ ही साथ उनके शरीर में मौजूद सातों चक्रों में मूलाधार चक्र और मणिपुर चक्र भी खराब स्थिति में आ चुका है। 20 मिनट का ध्यान आपको खुशनमा जिंदगी बनाए रखने में बहुत सहायक है।

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