अयोध्या। मणिरामदास छावनी में एक साधु की संदिग्ध परिस्थितियों में गला कटने से मौत हो गई। अयोध्या कोतवाली क्षेत्र में स्थित यह स्थान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का आश्रम है। शनिवार सुबह काफी देर तक कमरे का दरवाजा न खुलने पर मंदिर के कार्यकर्ताओ ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर साधु हरिभजन दास (55) घायल अवस्था में पड़े थे। उनका गला कटा हुआ था। उनको तत्काल श्रीराम अस्पताल ले जाया गया जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में डॉ. अजय तिवारी ने उनको मृत घोषित कर दिया।
छावनी से जुड़े लोगों की माने तो हरिभजन दास परिसर के एक कमरे में वर्षों से रह रहे थे। उनकी मनःस्थिति भी ठीक नहीं रहती थी। अक्सर बात-बात पर उत्तेजित हो जाते थे। किसी भी व्यक्ति या मंदिर के साधु-संतों और कार्यकर्ताओं से मिलना-जुलना भी बंद कर रखा था। शनिवार सुबह उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो उनके कमरे के पास जाकर आवाज दी गई लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अनहोनी की आशंका में दरवाजा खोल कर देखा गया तो वह फर्श पर पड़े थे और उनका गला रेता हुआ था। सीओ आरके राय ने बताया कि कमरे से निकलने के बाद साधु ने खुद अपना गला काटने की बात लोगों को बताई जिसके बाद लोगों ने उनको जिला अस्पताल पहुंचाया। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। मामले की जांच की जा रही है।