नयी दिल्ली @BareillyLive. सनातन धर्म के प्रचारक एवं कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश, स्थित इस्कॉन (ISCON) मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने सनातन धर्म को और सुदृढ़ करने के लिए देश भर में गीता ज्ञान परीक्षा कराने की बात कही। इस अवसर पर बाबा बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के साथ देश के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विवेक बिंद्रा भी उपस्थित रहे।
बता दें कि इससे पहले जब डॉ. विवेक बिंद्रा ने ही धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज (बाबा बागेश्वर धाम के महंत) को व्यक्तिगत रूप से इस्कॉन आमंत्रित किया था। उनके आमंत्रण को स्वीकार करते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज इस्कॉन पहुंचे हैं। यहां बाबा बागेश्वर सरकार ने इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद जी के दर्शन कर उनका आशीष प्राप्त किया। साथ ही वर्तमान समय में इस्कॉन की जिम्मेदारी संभाल रहे गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज से भी मुलाकात कर उनका सानिध्य पाया।
महाराज जी से चर्चा के दौरान बाबा बागेश्वर (धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज) ने कहा कि, “प्रभु जी हम चाहते है कि समूचे भारत में गीता के ज्ञान का विस्तार हो। इसके लिए देशभर में जिलेवार गीता पाठ की परीक्षा कराई जाए, और इस परीक्षा को पास करने वाले व्यक्ति को एक ई-बाइक गिफ्ट की जाए। इससे लोगों में गीता पढ़ने और पढ़ाने की लालसा पैदा होगी। आने वाले समय में हर घर से गीता पढ़ाने वाला एक अध्यापक निकलेगा।”
इस अवसर पर भगवत गीता के प्रचार-प्रसार और गीता ज्ञान को आम जानमानस तक पहुंचाने पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प लिया।
इस्कॉन मंदिर की एक दिवसीय यात्रा में मंदिर पहुंचे बागेश्वर धाम सरकार उर्फ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने मंदिर परिसर का भ्रमण किया। बाबा बागेश्वर सरकार (धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज) ने मंदिर में रखी सबसे बड़ी गीता के दर्शन किए।
जब धीरेंद्र शास्त्री प्रभु गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज से मिले, तो उन्होंने कहा कि मुझे आप तक पहुंचाने में डॉ. बिंद्रा ने रामसेतु का काम किया है। जैसे लंका में विभीषण फंसे थे, तो हनुमान जी कृपा से भगवान राम की कृपा प्राप्त करने का मौका मिला था, उसी तरह आज डॉ. बिंद्रा की मदद से मुझे आपकी कृपा प्राप्त हो पाई पायी है। मेरे लिए तो वह हनुमान से कम नहीं हैं।
वैसे तो इस्कॉन के मंदिर सारी दुनिया में है। भगवान कृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए स्वामी प्रभुपाद ने इस्कॉन मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर का नाम एक विशेष अंग्रेजी भाषा के शब्दों को बनाकर किया गया – इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कांशसनेस (इस्कॉन)। इस अध्यात्मिक संस्थान की स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपद ने 1966 में न्यूयॉर्क में की थी। इसके बाद साल 1975 में भारत के वृंदावन में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई थी। जहां आज इस मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
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