बरेली। बरेली के शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार की विधायकी खतरे में पड़ गई है। राज्यपाल ने मामला संज्ञान में लेते हुए निर्वाचन आयोग को डॉ. अरुण कुमार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है। इससे पहले एक शिकायत में डॉ. अरुण कुमार के खिलाफ जांच की गई थी। जांच में आरोप सत्य पाए गए और उसके बाद राज्यपाल ने एक्शन लेते हुए कार्यवाही की संस्तुति की है। इसको लेकर एक चैनल का वीडियो वायरल हो रहा है।
बता दें कि डॉ. अरुण कुमार बरेली से बीजेपी के विधायक है। शहर में एक बहुत सहज, सरल और ईमानदार नेता की छवि इन्होंने बनायी हुई है। चैनल न्यूज वन इण्डिया के वायरल हो रहे वीडियो के अनुसार इस घटना के खुलासे के बाद उनकी इमानदारी का वो मुखौटा उतर गया है।
विधायक अरुण कुमार नगरनिगम अधीनियम कानून के तहत दोषी पाए गए हैं। डॉ. अरुण कुमार ने पद पर रहते हुए बरेली नगर निगम से व्यावसायिक फायदा उठाया है। अरुण कुमार ने सत्ता का फायदा उठाकर, अफसरों से सांठ-गांठ कर अपने पेट्रोल पम्प से डीजल की सरकारी सप्लाई कराई है। जांच में अरुण कुमार दोषी पाए गए हैं।
नगर निगम कानून अधिनियम 1959 की धारा 25(म) और धारा 25(7) के अनुसार जब कोई व्यक्ति नगर निगम की विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बनता है तो वो विधायक के साथ-साथ नगर निगम का पार्षद भी होता है।
इस कानून के तहत नगर निगम का पार्षद और उसका परिवार ना तो निगम में ठेका ले सकता है और ना ही सरकारी सप्लाई दे सकता है। अगर कोई सदस्य इस कानून के विरुद्ध जाता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। बरेली के विधायक अरुण कुमार इस नियम के विरुद्ध गए हैं।
BJP विधायक अरुण कुमार ने अपने पेट्रोल पम्प से नगर निगम में सरकारी ठेका लेकर डीजल की सप्लाई करायी। बरेली नगर निगम के पदेन सदस्य बीजेपी विधायक डॉ. अरुण कुमार के इस कारनामे का जब खुलासा हुआ तो विधायक की सदस्य्ता समाप्ति के लिए उन्हीं के साथी पार्षदों और पदेन सदस्यों ने उ.प्र. विधानसभा अध्यक्ष से लिखित रूप में शिकायत की।
विधानसभा अध्यक्ष ने शिकायत पत्र वापस कर दिया क्योंकि इस मामले में उनके पास विधायक पर कार्रवाही का कोई अधिकार नहीं है। इसपर कार्रवाई का अधिकार गवर्नर का है। इसके बाद शिकायत कर्ताओं ने गवर्नर को लिखित शिकायत भेजी। चैनल न्यूज वन इण्डिया के वायरल हो रहे वीडियो के अनुसार गवर्नर साहब ने मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचाया और अरुण कुमार की विधायकी रद्द करने की सिफारिश की। अब मामला आयोग में विचाराधीन है।
शिकायतकर्ताओं में से एक पार्षद विपुल लाला ने का कहना है कि विधायक जी ने जानबूझ कर सत्ता का नाजायज फायदा उठाया है। डॉ. अरुण कुमार पहले भी 5 साल विधायक रह चुके हैं। निगम की बैठकों में कई बार शामिल हुए। उन्होंने सदन की कार्यवाही को समझा इसके बावजूद यह कहना कि उन्हें जानकारी नहीं है सरासर झूठ है। जहां तक बात एक महीने सप्लाई की है तो एक दिन किया या एक साल, बराबर है। आप ने जानबूझ कर कानून का उल्लंघन किया है, इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए।
एक चैनल न्यूज वन इण्डिया ने खबर के लिए विधायक डॉ. अरुण कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि कह दो बात नहीं हो सकी। कुछ नहीं है छोड़ो। हालांकि आरोप स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि केवल एक महीने ही हमने डीजल सप्लाई किया था। बाद में उसे बंद करा दिया। बरेली लाइव ने जब इस बारे में विधायक से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन ही रिसीव नहीं हुआ।
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