बरेली मण्डी में धान क्रय केन्द्रों का हाल, बरेली में धान क्रय केन्द्र पर किसान परेशान,The condition of paddy purchasing centers in Bareilly mandi, farmers upset at paddy purchasing center in Bareilly,

बरेली। खुला आसमान, सड़क पर धान और अन्नदाता परेशान। जी हां, यही हाल है बरेली मण्डी समिति में धान क्रय केन्द्रों पर धान खरीद का। बरेली लाइव टीम ने शुक्रवार को बरेली नवीन मण्डी स्थल पर धान क्रय केन्द्रों का जायजा लिया। हालात ये हैं कि किसान अपना धान लेकर कई दिनों से पड़े हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं। कई दिन मण्डी में पड़े रहने के बाद उनका धान खराब या घटिया क्वालिटी का बताकर वापस जाने को कहा जाता है।

मण्डी परिसर में परेशान घूम रहे किसान राजीव गंगवार ने बताया कि उन्हें मण्डी अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद 30 नवम्बर को बुलाया था। वह नियत तिथि पर अपना धान ट्रॉली में भरकर पहुंच गये। वहां पहुंचने पर क्रय केन्द्र कर्मचारियों ने उनका धान चार अलग-अलग जगह उतारने को कहा। राजीव ने बताया कि हमने धान उतारकर ट्रॉली को वापस भेज दिया। इसके बाद मण्डी कर्मचारियों की मनमानी शुरू हो गयी।

पहला दिन यूंही बीत गया। लोड ज्यादा है कल तुलेगा कहकर टाल दिया गया। फिर एक के बाद एक चार दिन बीत गये। 4 दिसम्बर को उनका धान क्रय केन्द्र पर तैनात कर्मचारियों ने घटिया क्वालिटी का बताकर वापस ले जाने को कह दिया। परेशान किसान राजीव गंगवार ने केन्द्र प्रभारी से शिकायत की। उनका रवैया भी ढुलमुल रहा। इसके बाद मण्डी में हंगामा हुआ और राजीव गंगवार ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद उनका धान तौलने की प्रक्रिया शुरू हो सकी।

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हमें धान घटिया लगा : तौकीर

राजीव गंगवार के धान का एक हिस्सा पीसीयू के केन्द्र पर भी डलवाया गया था। यहां मौजूद कर्मचारी तौकीर ने कहा कि वह ही धान की क्वालिटी की जांच करते हैं। बताया कि राजीव का धान घटिया है इसलिए मना किया। धान की जांच करने में 5 दिन क्यों लगे पूछने पर बोले-ये बिना अप्वाइंटमेण्ट के धान लेकर आ गये थे। इसके विपरीत राजीव ने मंडी से मिली तारीख के कागज तक दिखा दिये।

हम किसानों को परेशान नहीं करते : अजय

इस बारे में जब केन्द्र प्रभारी ज्ञान चंद वर्मा से बात करने की कोशिश की बताया गया कि वह बाहर किसी किसी केन्द्र पर गये हैं। उनका फोन भी नहीं मिल सका। इसके बाद उनकी अनुपस्थिति में कार्यभार संभाल रहे अजय पाठक को सूचना देकर बुलाया गया तो उन्होंने किसी भी ढील से इनकार किया। अजय पाठक का कहना था कि हम किसान की सहायता के लिए हैं उसे परेशान नहीं करते।

धान खरीद की प्रक्रिया पूछने पर बोले-पहले सैम्पल देखकर ही उसका धान मण्डी में मंगाया जाता है। ऐसे में बाद में रिजेक्ट करने का सवाल ही नहीं है। इसके बावजूद राजीव गंगवार का धान 5 दिन तक मण्डी में खुले आसमान के नीचे पड़े रहने और 5वें दिन धान रिजेक्ट करने का सवाल किया तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। बोले-इनका धान तुलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

By vandna

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