aonla Panchayat election 2021_bjp Candidate 05042021aonla Panchayat election 2021_bjp Candidate 05042021

आंवला (बरेली)। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा पूरे बरेली जिले में दमखम के साथ अपने समर्थित प्रत्याशियों को चुनाव लड़ा रही है। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए उसने जिले के कुल 60 वार्डों में अपने समर्थित उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा है। 4 अप्रैल को नामांकन के अन्तिम दिन भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवारों का नामांकन एक साथ कलेक्ट्रेट में कराया। इस दौरान जिले के सभी सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। लेकिन, वार्ड संख्या 33 रामनगर से भाजपा समर्थित उम्मीदवार का नामांकन न होने की वजह से पार्टी में अंदरखाने और क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। अन्तिम समय में पार्टी समर्थित उम्मीदवार का नामांकन न कराना चर्चा का विषय बन गया। 

वार्ड 33 से प्रस्तावित किए गए भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुरेन्द्र सागर, जिनकी पत्नी भी पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं, से जब बरेली लाइव ने बात की तो उनका कहना था कि उन्होंने आवेदन भी किया, पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन भी दिया किन्तु चुनाव को लेकर उनकी तैयारी पूरी नहीं थी, इस कारण उन्होंने नामांकन नहीं कराया।

गौरतलब है कि वार्ड संख्या-33 में पिछले दो वर्षों से प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के भतीजे नरेन्द्र सिंह राजपूत काफी सक्रिय थे। उन्होंने पार्टी को अपना आवेदन भी दिया। मजे की बात यह रही कि इस वार्ड से भाजपा के किसी भी अन्य कार्यकर्ता ने आवेदन तक नहीं किया जिससे यह साफ था कि भाजपा नरेन्द्र सिंह राजपूत उर्फ अंकुर को ही अपना समर्थित प्रत्याशी बनाएगी।

चर्चा है कि भाजपा की सूची घोषित होने से कुछ देर पहले सुरेन्द्र सागर का आवेदन करवा कर उनको वार्ड-33 से पार्टी ने अपना समर्थित उम्मीदवार बना दिया। इससे नरेन्द्र राजपूत के समर्थकों सहित भाजपा के कई कार्यकर्ताओं में निराशा उत्पन्न हो गई। आखिरकार 4 अप्रैल को नरेन्द्र राजपूत ने अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन-पत्र दाखिल किया। इस दौरान भाजपा के भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

बरेली लाइव ने सोमवार को इस सम्बन्ध में आंवला जिलाध्यक्ष वीर सिंह पाल से बात की तो उन्होंने थोड़ी ना-नुकुर के बीच जवाब दिया कि अब नरेन्द्र सिंह राजपूत ही भाजपा समर्थित प्रत्याशी होंगे।

यहां बता दें कि भाजपा आलाकमान का स्पष्ट निर्देश था कि पार्टी किसी भी बड़े नेता के करीबी को टिकट नहीं दिया जाए। इधर नरेन्द्र राजपूत का कहना है कि पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है जिसके लिए वह पार्टी के आभारी हैं।

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