बरेली। दिल्ली हाईवे पर टोलप्लाज़ा के समीप भगवान श्री चित्रगुप्त धाम का द्वितीय स्थापना दिवस रविवार को हवन-पूजन के साथ धूमधाम से मनाया गया। बताया गया कि सभी प्राणियों का लेखा-जोखा रखने के कारण भगवान चित्रगुप्त सभी लोगो के लिए मान्य हैं। कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सारे धार्मिक अनुष्ठान हुए।
भगवान चित्रगुप्त के इस एकल मंदिर में सबसे पहले भगवान श्री चित्रगुप्त का हवन-पूजन कर वंदना की गई। आरती के पश्चात सभी भक्तों ने कलम एवं पुस्तक की शक्ति के साथ बुद्धिबल, विद्या, एवं ज्ञान प्रदान करने वाली ईश्वरीय सत्ता के न्यायाधिपति भगवान श्री चित्रगुप्त का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास के संस्थापक सचिव डॉ शिव कुमार एवं उनकी पत्नी अनुपम ने बताया कि वेद-पुराणों के अनुसार भगवान चित्रगुप्त को ईश्वर ने अपने अंश से बनाकर सृष्टि की रचना की। मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ बनाकर उसे बुद्धि और विवेक भी दिया। प्रत्येक प्राणी को अपने जीवन काल में ईश्वरीय नियमों के अनुसार कर्मों का निर्धारण करने तथा प्राणियों, विशेषकर मनुष्यों द्वारा अपनी बुद्धि एवं विवेक से गुण-दोषों के अनुसार उनके निर्वहन करने का लेखा-जोखा रखने एवं तदनुसार उन्हें पुरस्कृत अथवा दंडित करने का कार्य संपादित करने के लिए विधाता ने अपने अंश से चित्रगुप्त जी को प्रकट किया। भगवान चित्रगुप्त अपने हाथ में कलम एवं पुस्तक लेकर प्रकट हुए और सृष्टि में लेखन, पठन-पाठन और विद्या देने का कार्य प्रारंभ हुआ। भगवान चित्रगुप्त को भाग्य विधाता तथा बुद्धि एवं ज्ञान का भी देवता कहा जाता है। साथ ही उन्हें ईश्वरीय सत्ता के न्यायाधीश का भी पद प्राप्त है।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में नगर विधायक डॉ अरुण कुमार, शिव कुमार बरतरिया, पंकज सक्सेना, मेजर सुशील सक्सेना, चंदौसी के संजय जौहरी, अनिल सक्सेना, डॉ पूर्णिमा अनिल, कायस्थ चेतना मंच के अध्यक्ष संजय सक्सेना, निर्भय सक्सेना, अखिलेश सक्सेना, राजीव सक्सेना, कायस्थ सभा के वेद प्रकाश कातिब, भाजपा नेता किरन सक्सेना, अनूप सक्सेना, अश्विनी कम्ठान, तरुण सक्सेना आदि उपस्थित रहे।