आंवला (बरेली)। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला कोतवाली क्षेत्र के मऊचंदपुर गांव में खुदकुशी करने वाले किसान शिशुपाल के जिस सुसाइड नोट को रामनगर चौकी प्रभारी द्वारा फाड़े जाने पर बवाल हो गया था, जांच में वह सुसाइड नोट फर्जी मिला। हैंडराइटिंग और हस्ताक्षर दोनों का शिशुपाल की हस्तलिपि और दस्तखत से मिलान नहीं हुआ। अब माना जा रहा है कि साजिश के तहत वहां पर सुसाइड नोट रखा गया था। पुलिस अब पड़ताल कर रही है कि सुसाइड नोट किसने लिखा था। पहचान होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

दरअसल, जवान बेटी के गायब होने, पुलिस के अभद्र व्यवहार और कार्रवाई नहीं करने तथा दबंगों द्वारा दी जाने वाली धमकियां से आहत शिशुपाल ने रविवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसका शव सोमवार को फंदे पर लटकता मिला था। चौकी प्रभारी रामरतन सिंह पर लड़की बरामद करने के लिए रुपये मांगने का आरोप भी लगाया गया था। शिशुपाल की जेब से एक सुसाइड नोट मिला था। आरोप था कि मौके पर जांच करने पहुंचे चौकी प्रभारी ने सुसाइड नोट फाड़ दिया था। हैन्डराइटिंग और हस्ताक्षर विशेषज्ञ से जांच कराने पर इसको शिशुपाल द्वारा नहीं लिखा पाया गया।

शिशुपाल ने अपहरण की तहरीर में पुत्री को नाबालिग बताया था। इधर बताया गया है कि वह स्नातक की पढ़ाई कर रही है। पिता ने उसका विवाह बदायूं के किसी गांव से तय कर दिया था।

शिशुपाल ने जिन लोगों पर पुत्री के अपहरण का आरोप लगाया गया है, वे गांव के ही हैं और उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद से फरार हैं। उनके घरों पर ताले लटके हुए हैं। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात है। एसएसपी ने इस मामले में चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को सोमवार को ही लाइन हाजिर कर एसपी देहात को जांच सौंप दी थी।

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